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    हरियाणा: गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी पर अब काम होगा तेज, PM मोदी खुद ले रहे अपडेट; किसानों की बढ़ेगी आय

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 06:07 PM (IST)

    सोनीपत के गन्नौर में बन रही अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी का काम अब तेजी से होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस मंडी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करें। यह मंडी 544 एकड़ में बन रही है और इससे दिल्ली हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के किसानों को भी फायदा होगा। इस परियोजना पर 2595 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

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    गन्नौर अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी पर अब काम होगा तेज। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सोनीपत के गन्नौर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी पर अब काम तेज होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद इस परियोजना को लेकर निरंतर अपडेट ले रहे हैं।

    शनिवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि इस अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी का उद्घाटन स्वयं प्रधानमंत्री के कर कमलों से कराया जाए।

    मुख्यमंत्री ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी अति महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित परियोजना है, जिसका संचालन शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मंडी के संचालन में कोई भी प्रशासनिक या तकनीकी बाधा न आने दी जाए।

    मंडी संचालन की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से अमलीजामा पहनाने के लिए एक विशेष नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे।

    परियोजना से जुड़े परामर्शदाता (कंसल्टेंट) को निर्देश दिए जाएं कि मंडी के स्वरूप, संभावनाओं और सुविधाओं की जानकारी न केवल हरियाणा, बल्कि अन्य राज्यों एवं देशों तक भी पहुंचाई जाए।

    दिल्ली की आजादपुर मंडी के व्यापारियों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के सेब उत्पादक किसानों को भी इस मंडी से बड़ा लाभ मिलेगा। यहां से मजबूत सड़क नेटवर्क जुड़ा हुआ है, जिससे फल-सब्जियों का सुगम परिवहन संभव होगा।

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    यह अत्याधुनिक मंडी 544 एकड़ भूमि में विकसित की जा रही है, जिसमें से 350 एकड़ क्षेत्र में कुल 17 आधुनिक शेड बनाए जाएंगे। वर्टिकल मार्केटिंग की भी व्यवस्था होगी। मंडी में 5500 ट्रकों एवं लगभग 15 हजार कारों के लिए पार्किंग सुविधा प्रस्तावित है।

    बैठक में बताया गया कि 2595 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया को तकनीकी समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

    मुख्यमंत्री ने ‘व्यापार संचालन योजना’ के तहत टेंडर को भी स्वीकृति दी, जिसके अंतर्गत केवल उन्हीं इच्छुक निवेशकों को पात्र माना जाएगा, जिनके पास बागवानी क्षेत्र में न्यूनतम 100 एकड़ में कार्य का अनुभव हो तथा जिनका वार्षिक कारोबार कम से कम 100 करोड़ रुपये का हो।

    मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इस परियोजना को अधिक उपयोगी व वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए केंद्र सरकार के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण से भी मार्गदर्शन एवं सलाह ली जाए।

    बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा, प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल, हरियाणा इंटरनेशनल हार्टिकल्चर मार्केट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मुकुल कुमार, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहुजा और कृषि महानिदेशक राजनारायण कौशिक ने अहम सुझाव दिए।