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स्क्रीन पर दिखेगी हरियाणा से शुरू महिलाओं की पीरियड चार्ट मुहिम, जानें क्या है यह अभियान

Womens Period chart हरियाणा में मासिक धर्म को छिपाने के बजाय महिलाएं अब मासिक धर्म पर खुलकर चर्चा करने लगी हैं। मुस्लिम बाहुल्य मेवात से शुरू हुई पीरियड चार्ट मुहिम पर फिल्म बनाई जा रही है। मेवात में इसकी शूटिंग शुरू हो चुकी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 03:57 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 11:15 AM (IST)
स्क्रीन पर दिखेगी हरियाणा से शुरू महिलाओं की पीरियड चार्ट मुहिम, जानें क्या है यह अभियान
हरियाणा की पीरियड चार्ट मुहिम पर बनेगी फिल्म। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। Womens Period chart: एक समय था जब हरियाणा की महिलाएं मासिक धर्म (माहवारी) को न केवल छिपाती थी, बल्कि माहवारी (Menstrual) के दिनों में वह अपने घर व आस पड़ोस से कटी रहती थी। ग्रामीण अंचल की महिलाओं के लिए माहवारी के वह चार दिन शारीरिक पीड़ा के साथ ही मानसिक यातना वाले भी होते थे।

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हरियाणा में अब महिलाएं न केवल इस विषय पर खुलकर बात करने लगी हैं बल्कि घरों में कैलेंडर (पीरियड चार्ट Period chart) लगाकर यह संदेश दे रही हैं कि मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक हिस्सा है और इन दिनों में पुरुषों का दायित्व बनता है कि वह महिलाओं का सहयोग करें। इस बदलाव की शुरुआत हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मेवात (नूंह) से हुई है।

महिलाओं के इस क्रांतिकारी बदलाव पर 'पीरियड चार्ट' नामक एक लघु फिल्म बनने जा रही है। मेवात में इसकी शूटिंग शुरू हो चुकी है। फिल्म बनाने का ऐलान दीया और बाती, चाणक्य तथा जय-जय बजरंग बली फेम निर्देशक मोहम्द तौफीक ने किया है। इन महिलाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाने की पहल करने वाले सेल्फी विद डाटर फाउंडेशन के निदेशक एवं पीरियड चार्ट अभियान के संस्थापक सुनील जागलान हैं।

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जींद जिले की बीबीपुर ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने महिलाओं व लड़कियों को प्रेरित किया है कि वह अपने घर में पीरियड चार्ट बनाकर टांगें और उसमें दर्शाएं कि उनकी माहवारी के दिन कौन से हैं और अगली संभावित तारीखें क्या हैं। इसका फायदा यह हो रहा कि ऐसी लड़कियों व महिलाओं के प्रयास से बाप, बेटे, भाई और ससुर के बीच आपसी समझ बढ़ रही है।

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जागलान के अनुसार समाज में आज भी संयुक्त व एकल परिवारों में महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर चर्चा नहीं की जाती। एक तरफ लोग चांद पर प्लाट खरीद रहे हैं, वहीं मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। इस मुहिम को फिरोजपुर झिरका की निशात रुन, नूंह की पूजा व अंजुम, दिल्ली की मुबशशिरा और गन्नौर की गुलशफा ने अपने घर से शुरू किया। अब यह सामाजिक आंदोलन बन चुका है।

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फिल्म के निर्देशक मोहम्मद तौफीक ने बताया कि ओटीटी प्लेटफार्म पर 28 मई को अंतरराष्ट्रीय पीरियड दिवस के अवसर पर इस फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि सुनील जागलान पर पूर्व में बनी फिल्म सनराईज को बेस्ट डाक्यूमेंटरी का अवार्ड मिल चुका है। इटली की बारबरा क्यूपतिसी द्वारा बनाई गई वूमनिटी को भी फ्रांस फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड दिया जा चुका है। 


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