कौन-कौन कर सकता है हरियाणा सरकार का लोगो यूज, क्या कहता है नियम? पढ़ें पूरी डिटेल
हरियाणा के विधायकों द्वारा अपने लेटर पैड पर प्रदेश सरकार के प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल किए जाने पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी विधायक भी सरकार के प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। कई पूर्व विधायकों द्वारा भी इसी तरह का लोगो इस्तेमाल किए जाने की सूचना सामने आ रही है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों द्वारा अपने लेटर पैड पर प्रदेश सरकार (Haryana Sarkar) के प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल किए जाने पर सवाल उठने लगे हैं। हरियाणा विधानसभा के कुल 90 विधायकों में से मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के 13 मंत्रियों को ही आधिकारिक तौर पर हरियाणा सरकार कहा जा सकता है।
विधानसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, भाजपा के बाकी बचे 34 विधायक और भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले तीन निर्दलीय विधायकों समेत सभी 74 विधायक सरकार की श्रेणी में नहीं आते।
राज्यपाल ने जिन्हें मुख्यमंत्री व मंत्री पद की शपथ दिलाई है, वही सरकार हैं। शेष सभी विधायक प्रदेश विधानसभा के सदस्य हैं एवं उनके द्वारा अपने लेटर-पैड एवं अन्य लेखन सामग्री पर हरियाणा सरकार का एम्ब्लेम (प्रतीक चिन्ह) प्रयोग करना उपयुक्त नहीं है।
सरकारी कामकाज वालों पर लगा सकते हैं प्रतीक चिह्न
विधायक चाहें तो सरकारी कामकाज के लिए लिखे जाने वाले पत्रों पर हरियाणा विधानसभा के प्रतीक-चिह्न का प्रयोग कर सकते हैं, मगर विपक्षी विधायकों द्वारा भी अपने लेटर पैड पर सरकार के प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल करने से विवाद की स्थिति पैदा हो गई है।
सबसे ज्यादा किरकिरी कांग्रेस विधायकों की हो रही है, जो अपने लेटर लैड पर सरकार के प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अंबाला शहर के कांग्रेस विधायक एवं पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने पिछले दिनों राज्य के मुख्य सचिव को एक लिखित शिकायत भेजी है, जिसमें उन्होंने अंबाला नगर निगम के वर्तमान कमिश्नर सचिन गुप्ता के विरूद्ध निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार उपयुक्त मान-सम्मान नहीं देने के आरोप लगाए हैं।
विपक्ष लगा रहा प्रतीक चिह्न
अक्टूबर 2024 में हिसार जिले के उकलाना से कांग्रेस विधायक नरेश सेलवाल द्वारा मुख्यमंत्री, बिजली मंत्री और मुख्य सचिव को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अंतर्गत उकलाना क्षेत्र में तैनात एक असिस्टेंट इंजीनियर द्वारा विधायक के साथ किए गए अभद्र व्यवहार की शिकायत भेजी गई है। इन दोनों पत्रों पर हरियाणा सरकार का प्रतीक चिह्न अंकित है।
निर्मल सिंह और नरेश सेलवान की तरह कई विधायक हैं, जो निरंतर हरियाणा सरकार के लोगो का इस्तेमाल कर रहे हैं। कई पूर्व विधायकों द्वारा भी इसी तरह का लोगो इस्तेमाल किए जाने की सूचना सामने आ रही है।
सचिवालय को गाइडलाइन जारी करने की जरूरत
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने हरियाणा के राज्यपाल से विधायकों द्वारा किए जा रहे इस आचरण पर स्पष्टीकरण चाहा है।
यह स्थिति तब है, जब हरियाणा विधानसभा का स्वयं का आधिकारिक प्रतीक चिह्न है, जो कि किसी भी दल का विधायक अपने लेटर पैड पर इस्तेमाल कर सकता है। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय को भी विधायकों के लिए गाइडलाइन जारी करने की जरूरत है।
बता दें कि साढ़े चार वर्ष पूर्व जब हरियाणा विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने अक्टूबर 2020 में प्रदेश के विधायकों को अपनी गाड़ियों/वाहनों के आगे मैरून रंग की छोटी झंडी लगाने की अनुमति प्रदान की गई थी, तो उस झंडी पर भी हरियाणा विधानसभा का ही प्रतीक-चिह्न संप्रतीक (एम्ब्लेम) मौजूद था, जो कि हरियाणा सरकार का नहीं है।
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