आफिसर आन ड्यूटी: जहां होंगे हरियाणवी, वहां लट्ठ तो गड़ेगा ही, पढ़ें हरियाणा की और भी रोचक खबरें
टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पंचकूला में राज्य सरकार की ओर से सम्मानित किया गया। इस दौरान एक डायलाग सुनने को मिला जहां हरियाणवी होंगे वहां लट्ठ तो गड़ेगा ही। आइए कुछ ऐसी ही रोचक खबरों पर नजर डालते हैं...

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में जब भी कोई उपलब्धि की बात होती है तो सभी की जुबां पर यही आता है कि लट्ठ गाड़ दिया। ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन कर लौटे खिलाड़ी जहां भी जा रहे, उन्हेंं पहला डायलाग यही सुनने को मिलता है। पंचकूला में राज्य स्तरीय समारोह में भी वक्ता चाहे जो भी रहा, अधिकतर के मुंह से यही निकला कि म्हारे खिलाड़ियां नै लट्ठ गाड़ दिया। जाहिर सी बात है कि जहां हरियाणवी होंगे, वहां लट्ठ तो गड़ेगा ही। ओलिंपियन से खेल मंत्री बने संदीप सिंह कहते हैं कि घायल होकर कमबैक करने वाले बजरंग पूनिया इस बार कांस्य पदक ही जीत सके, लेकिन उन्हेंं अभी से पेरिस में स्वर्ण पदक दिख रहा है। इसके अलावा कुछ और खिलाड़ी जिस तरह मैदान में पसीना बहा रहे हैं, उससे अगले ओलंपिक में पदकों की संख्या दोगुनी हो सकती है। बस शार्ट-कट के चक्कर में न पड़कर ऐसे ही मेहनत करनी पड़ेगी।
असली समाजवादी हैं विज
प्रदेश के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज जितने कड़क मंत्री हैं, उतने ही दिलदार व्यक्ति भी। सचिवालय स्थित दफ्तर में कोई भी आए, बगैर खिलाए-पिलाए वापस नहीं जाने देते, लेकिन कई बार स्टाफ की लापरवाही सारा मजा किरकिरा कर देती है। कुछ ऐसा ही हुआ ओलिंपिक में धमाकेदार प्रदर्शन से देश-दुनिया का दिल जीतने वाली महिला हाकी टीम की खिलाड़ियों के साथ, जो उनके दफ्तर पहुंची थी। विज ने आठों महिला खिलाड़ियों के स्वागत के लिए गुलदस्ते मंगाए थे, लेकिन स्टाफ के सदस्य लाए सिर्फ दो। इस पर झुंझलाए मंत्री ने खिलाड़ियों को शाल ओढ़ाकर काम चलाया। इसके बाद वहां मौजूद सभी लोगों को मिठाई खिलाने की बारी आई तो सिर्फ लड्डू थे, जबकि विज के लिए शुगर-फ्री रसमलाई सहित एक-दो मिठाइयां और थी। इससे खफा होकर उन्होंने अपनी प्लेट लौटा दी कि खाएंगे तो सभी यही मिठाई अन्यथा वह भी नहीं खाएंगे। यह विज का समाजवादी स्टाइल है।
नेटवर्क ढूंढ़ती फिर रही नूंह पुलिस
कोरोना संक्रमण में गिरावट के बाद सब कुछ पटरी पर लौट आया है। इसके बावजूद अदालतों में सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये चल रही है। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत दूरदराज के क्षेत्रों में आ रही है जहां मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत है। कुछ ऐसी ही परेशानी से नूंह पुलिस जूझ रही है जिसने बाल गृह से अगवा नाबालिग लड़की को सात महीने बाद ढूंढ़ लिया, लेकिन सारी दिक्कत उसकी पेशी को लेकर है। हाई कोर्ट ने चेतावनी दे रखी है कि अगर उसकी पेशी नहीं हुई तो एसपी को अदालत में आना पड़ेगा। साहब को लेकर चिंतित नूंह पुलिस ने सरकारी वकील के समक्ष तर्क रखा कि हमारे यहां नेटवर्क की दिक्कत है। सिग्नल नहीं मिले तो क्या करें। इस पर सरकारी वकील ने साफ कर दिया कि नेटवर्क के लिए चाहे ऊंचाई वाली जगह पर जाओ या फिर दूसरी जगह, लेकिन पेशी जरूर होनी है। कोई बहाना नहीं चलेगा।
ताकि नजर न लगे
सूबे में कमांडो पुरुष सिपाही की भर्ती प्रकिया शुरू हो गई है। पिछले सप्ताह पुरुष कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा को पेपर लीक माफिया की नजर लग गई थी। उत्तर पुस्तिका लीक होने के बाद दोनों दिन की परीक्षा रद करनी पड़ गई। इससे सबक लेते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग कमांडो की भर्ती प्रक्रिया में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता। शायद यही वजह रही कि आयोग ने पंचकूला के परेड ग्राउंड में फिजिकल स्क्रीनिंग टेस्ट और फिजिकल मेजरमेंट टेस्ट से पहले हवन कराया, ताकि पूरी भर्ती प्रक्रिया शांति से निपट जाए। पुरुष सिपाही की भर्ती में पशुपालन से जुड़े सवाल पूछे जाने पर भी खूब विवाद उठा। आयोग के मुखिया भोपाल सिंह कहते हैं कि कोई सवाल पाठ्यक्रम से बाहर का नहीं था। पुलिस भर्ती नियमों के तहत महकमे की ओर से भेज गए पाठ्यक्रम से ही सवाल पूछे गए। कुछ लोगों को आदत है अनावश्यक विवाद खड़ा करने की।
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