जहां बैठती पूरी अफसरशाही वहीं तालमेल नहीं, इसी वजह से पंचकूला में मल्टीलेवल पार्किंग नहीं चढ़ पाई सिरे
पंचकूला में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की योजना विभागों के बीच तालमेल की कमी के कारण चार साल से अधर में है। नगर निगम और एचएसवीपी के बीच भूमि हस्तांतरण को लेकर विवाद है। सेक्टर-11 में पार्किंग बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था पर एचएसवीपी ने आपत्ति जताई। पार्किंग की समस्या से सेक्टर-7 8 9 10 15 20 में यातायात प्रभावित है।

राजेश मलकानियां, पंचकूला। हरियाणा के सभी सरकारी विभागों के कार्यालय पंचकूला में है। पूरी अफसरशाही यहीं से चलती है, लेकिन आपसी तालमेल की कमी के कारण प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ते। इसी का उदाहरएण है पंचकूला में बनने वाली मल्टील चार साल से अधर में है।
शहर में बढ़ती वाहनों की संख्या और पार्किंग की समस्या को देखते हुए नगर निगम पंचकूला ने करीब चार साल पहले अपनी पहली हाउस मीटिंग में सेक्टर-11 की मार्केट में दोनों तरफ मल्टीलेवल पार्किंग बनाने का प्रस्ताव पारित किया था।
नगर निगम, शहरी स्थानीय निकाय विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के बीच भूमि हस्तांतरण और निर्माण की जिम्मेदारी को लेकर सहमति नहीं बन पाई। परिणामस्वरूप, कागजों में सीमित रह गई इस परियोजना पर कोई ठोस कार्य शुरू नहीं हो सका।
सबसे पहले एचएसवीपी ने जताई थी आपत्ति
प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद एचएसवीपी के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई थी। एचएसवीपी का तर्क था कि जिस खाली प्लाट पर पार्किंग बननी थी, वह उनकी संपत्ति है, इसलिए इस पर निर्माण कार्य भी वही करेंगे। इस अधिकार विवाद के चलते परियोजना की शुरुआत तक नहीं हो पाई। नतीजतन, सेक्टर-11 की मार्केट में पार्किंग की समस्या बद से बदतर हो चुकी है।
इन सेक्टरों में परेशानी
सेक्टर-7, 8, 9, 10, 15, 20 जैसे व्यावसायिक क्षेत्रों में पार्किंग की समस्या चरम पर है। यहां रोजाना आने वाले वाहन सड़क किनारे खड़े हो जाते हैं, जिससे यातायात प्रभावित होता है और हादसों का खतरा बढ़ जाता है। व्यापारियों का कहना है कि मल्टीलेवल पार्किंग बनने से न केवल ग्राहकों को सुविधा होगी, बल्कि बाजारों में भीड़भाड़ और अव्यवस्था भी कम होगी।
क्या कहते हैं लोग
सेक्टर-20 मार्केट एसोसिएशन के प्रधान राकेश गोयल ने बताया कि यदि समय रहते यह प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाता तो पंचकूला शहर की पार्किंग व्यवस्था में बड़ा सुधार आता। सरकार और संबंधित विभाग आपसी मतभेद खत्म कर जल्द से जल्द योजना पर काम शुरू करें, ताकि शहर को आधुनिक और व्यवस्थित पार्किंग सुविधा मिल सके।
सेक्टर-11 निवासी एसपी अरोड़ा ने कहा कि इस देरी का खामियाजा अब सेक्टर-10 और 11 के बीच की डिवाइडिंग रोड और आसपास के क्षेत्र के लोग रोजाना भुगत रहे हैं। रोड साइड पर गाड़ियां खड़ी होने से सड़क इतनी तंग हो जाती है कि एक समय में सिर्फ एक ही वाहन निकल पाता है। आमने-सामने से दो गाड़ियां आ जाएं तो एक को पीछे हटना पड़ता है।
सेक्टर-8 कारोबारी ज्ञान सिंह ने बताया कि सेक्टर-8 की बैकसाइड पर भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। यहां बड़ी संख्या में कार और स्कूटर खड़े करके चले जाते हैं। कुछ लोग पार्किंग फीस बचाने के लिए बैकसाइड की तरफ वाहन खड़े करके चले जाते हैं और दुकानदार अपने वाहन खड़े नहीं कर पाते।
जननायक जनता पार्टी के पूर्व जिला प्रधान दिलबाग सिंह नैन ने कहा कि स्कूल की छुट्टी के समय बसों की आवाजाही से डिवाइडिंग रोड और बैकसाइड दोनों जगह जाम लग जाता है। यहां तक कि स्कूल टाइमिंग के अलावा भी दिन में कई बार जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे स्थानीय लोग और व्यापारी भारी परेशानी झेलते हैं।
सेक्टर-12ए के व्यवसायी शिवपाल सिंह ने बताया कि अगर निगम के प्रस्ताव के तहत समय रहते मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण शुरू हो गया होता, तो अब तक पार्किंग एरिया तैयार हो जाता और समस्या काफी हद तक खत्म हो चुकी होती। विभागीय मतभेद खत्म कर तुरंत योजना पर काम शुरू किया जाए।
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