कब होगा IPS पूरन कुमार का पोस्टमार्टम? नायब सरकार पर भारी AAP MLA भाई की जिद, क्या है हरियाणा मंत्रिमंडल का फैसला
आईपीएस वाई पूरन कुमार के अंतिम संस्कार में देरी का कारण उनके साले, आप विधायक अमित रतन कोटफत्ता की जिद है। वे डीजीपी और एसपी के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने न्याय का आश्वासन दिया है, लेकिन विपक्षी दलों के दबाव और आगामी प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के कारण स्थिति जटिल बनी हुई है।
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शोक मनाती IPS पूरन कुमार की पत्नी। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े मामले में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक से हटाये जा चुके पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया के विरुद्ध नामजद रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार व निलंबित करने की मांग तूल पकड़ती जा रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जहां वाई पूरन कुमार की आइएएस पत्नी अमनीत पी कुमार के परिवार को पूरी सुरक्षा और न्याय दिलाने का भरोसा दिला चुके हैं, वहीं दलित संगठनों व राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार की घेराबंदी बढ़ा दी है।
प्रदेश सरकार के आग्रह पर अमनीत पी कुमार कहीं न कहीं नरम बताई जाती हैं और अपने पति वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार भी हो गई थी, लेकिन उनके विधायक भाई का गुस्सा सरकार पर भारी पड़ रहा है, जो कार्रवाई से पहले पोस्टमार्टम नहीं होने देने की जिद पर अड़े हैं। हरियाणा मंत्रिमंडल की रविवार को हुई बैठक में एकमत होकर सरकार ने कहा कि अमनीत पी कुमार और वाई पूरन कुमार के परिवार के साथ पूरा न्याय किया जाएगा। वाई पूरन कुमार की बड़ी बेटी एक्सग्रेशिया नीति के तहत डीएसपी बनने की हकदार है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दलित समाज के दो प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों कृष्ण कुमार बेदी और कृष्ण लाल पंवार को परिवार को समझाने की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन शनिवार को तीन बार की बैठकों के बाद भी सहमति नहीं बनी। अनुसूचित जाति के आइएएस अधिकारी विजय दहिया और राजा शेख वुंडरू को भी परिवार को समझाने के लिए भेजा गया। साथ ही मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा और मोहम्मद शाइन लगातार अमनीत पी कुमार के परिवार के संपर्क में हैं तथा सरकार की ओर से उन्हें पूरा न्याय दिलाने का भरोसा दिला रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार वाई पूरन कुमार का अभी तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार नहीं हो पाने के पीछे उनके सगे साले को कारण बताया जा रहा है। अमनीत पी कुमार के भाई अमित रतन कोटफत्ता बठिंडा ग्रामीण से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।
पता चला है कि कैबिनेट मंत्रियों और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा न्याय का भरोसा दिलाने के बाद अमनीत पी कुमार कहीं न कहीं नरमी बरत रही हैं, लेकिन उनके भाई यानी वाई पूरन कुमार के साले अमित रतन कोटफत्ता पहले डीजीपी व एसपी के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर उन्हें निलंबित व गिरफ्तार करने की जिद पर अड़े हुए हैं।
अमित रतन कोटफत्ता की इस जिद को कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी की हरियाणा में भाजपा के विरुद्ध राजनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।
पंजाब में मुख्यमंत्री की सक्रियता का आप दे रही जवाब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी लंबे समय से पंजाब में सक्रिय हैं। अब आम आदमी पार्टी को भाजपा की इस सक्रियता का जवाब देने का मौका मिला है, जिसकी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रभारी मनीष सिसौदिया समेत आम आदमी पार्टी के कई नेता अमनीत पी कुमार से मुलाकात कर चुके हैं।
दलित संगठन भी पुलिस महानिदेशक व एसपी को निलंबित कर गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े हुए हैं। हरियाणा सरकार ने अमनीत पी कुमार और उनके भाई अमित रतन कोटफत्ता से कहा है कि जांच में दोषी होने पर किसी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी हो और पूरी कैबिनेट परिवार के साथ है।
विपक्षी दलों के तेवर से प्रभावित हो रही मोदी के आगमन की तैयारियां जिस तरह से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, चिराग पासवाल, प्रियंका गांधी, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा व दीपेंद्र सिंह हुड्डा सरीखे नेता इस पूरे मामले में सरकार पर दबाव बना रहे हैं, उसे देखते हुए विवाद का जल्दी समाधान होता दिखाई नहीं दे रहा है।
सरकार के लिए चिंता का विषय ही है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल का एक साल 17 अक्टूबर को पूरा हो रहा है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोनीपत के राई में आ रहे हैं। इस पूरे प्रकरण में कहीं न कहीं जिस तरह से राजनीति हो रही है, उससे सरकार की मोदी के आगमन की तैयारियां भी प्रभावित हो रही हैं।
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