हरियाणा को कब मिलेगा विपक्ष का नेता? पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा की बढ़ी चिंता, कहा- देरी से कांग्रेस को हो रहा नुकसान
कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन में देरी पर पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि इससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ईवीएम से जीत हासिल की है। अरोड़ा ने प्रदेश पर बढ़ते कर्ज और भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर एवं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि पार्टी हाईकमान को कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन पर जल्दी निर्णय लेना चाहिए। अरोड़ा ने कहा कि राज्य में विपक्ष का नेता नहीं होने की वजह से पार्टी को नुकसान हो रहा है।
कांग्रेस विधायक दल ने नेता के चयन का फैसला हाईकमान पर छोड़ा हुआ है। नेता का चयन नहीं होने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा की कमी महसूस की जा सकती है।
'बीजेपी ईवीएम की वजह से जीती'
चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने मीडिया के हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भले ही विधानसभा चुनाव में हार गई है और भाजपा की ईवीएम की वजह से जीत हुई है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस अपने विधायक दल के नेता और विपक्ष के नेता के चयन में देरी करे। विपक्ष के नेता के अभाव में राज्य में भाजपा सरकार के जन विरोधी फैसलों का पूरी मजबूती के साथ विरोध नहीं हो रहा है। जिलों में आंदोलन की जरूरत है।
'प्रदेश के ऊपर बढ़ रहा कर्जा'
अशोक अरोड़ा ने प्रदेश पर बढ़ रहे कर्ज को लेकर भाजपा सरकार की घेराबंदी की। उन्होंने कहा कि बढ़ रहे कर्ज पर सरकार को श्वेत पत्र लाना चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि जब आमदनी बढ़ रही है तो फिर प्रदेश पर इस तरह से कर्ज क्यों बढ़ रहा है।
प्रदेश का बजट करीब दो लाख करोड़ है जबकि कर्ज चार लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। अरोड़ा ने हैरानी जताई कि सरकार प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का दावा कर ही है, लेकिन बीपीएल की संख्या 75 फीसदी तक पहुंच गई है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार का दावा झूठा है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हरियाणा में पोर्टल के जरिये ही बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है। गरीबों के पैसों को अधिकारी डकार रहे हैं।
कैथल में मनरेगा घोटाला और पंचायत मंत्री के हलके इसराना में बीडीपीओ द्वारा घोटाले से साबित हो चुका है कि सरकार अफसरशाही पर सख्ती नहीं बरत रही है, बल्कि पोर्टल के जरिये अफसरशाही को घोटालों की खुली छूट दे रही है। अरोड़ा ने ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का किसानों को तुरंत मुआवजा देने की मांग की है।
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