वेयरहाउसिंग भर्ती मामला नहीं छोड़ रहा खेमका का पीछा, आईएएस के पद से सेवानिवृत्ति के बाद भी बढ़ीं मुश्किलें
वेयरहाउसिंग भर्ती मामले में एक आईएएस अधिकारी की मुश्किलें सेवानिवृत्ति के बाद भी जारी हैं। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के चलते उनके खिलाफ जांच चल रही है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। जांच में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और अधिकारी की भूमिका का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अशोक खेमका।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा के चर्चित सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अशोक खेमका एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। हरियाणा वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन में वर्ष 2009-10 के दौरान हुई कथित अनियमित भर्तियों को लेकर पंचकूला अदालत में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर की गई है। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई 6 फरवरी के लिए निर्धारित की है।
पिटीशन में आरोप लगाया गया है कि वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन में केवल एक अधिकारी की आवश्यकता थी, लेकिन इसके बावजूद दो मैनेजर रैंक सहित 25 से अधिक अपात्र उम्मीदवारों की भर्ती की गई।
ये नियुक्तियां कांग्रेस शासनकाल में हुई थीं, जब अशोक खेमका कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। पिटीशन में यह भी उल्लेख है कि स्क्रीनिंग कमेटी की आंतरिक जांच में इन भर्तियों को नियमों के विरुद्ध पाया गया था।
चौंकाने वाली बात यह है कि पिटीशन में खेमका के एक रिश्तेदार, जो स्वयं आइएएस अधिकारी हैं, का नाम भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही पूर्व में दी गई क्लोजर रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, जिसमें कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज किया गया।
जांच के दौरान निगम के एमडी संजीव वर्मा ने अशोक खेमका के खिलाफ चार्जशीट जारी करने की सिफारिश की थी। यह प्रोटेस्ट पिटीशन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता रविंद्र कुमार द्वारा दायर की गई है।

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