Haryana Assembly: विधायकों को धमकी के मामले पर हरियाणा विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने किया दो बार वाकआउट
Haryana Assembly Monsoon Session हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन छह विधायकों को धमकियां मिलने के मामले को लेकर विपक्ष ने हंगाामा किया। कांग्रेस के विधायकों ने दो बार सदन से वाकआउट किया। गृहमंत्री अनिल विज ने साइबर अपराध रोकने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा।

चंडीगढ़ , [बिजेंद्र बंसल]। Haryana Assembly Monsoon Session: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन छह विधायकों को पिछले दिनों मिली धमकियों के मामले को लेकर भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इस मामले को उठाया। कांग्रेस के विधायकों ने सदन से दो बार वाकआउट किया। राज्य के गृहमंंत्री अनिल विज ने प्रदेश में साइबर क्राइम समाप्त करने में विपक्ष से सहयोग मांगा।
अनिल विज ने साइबर क्राइम खत्म करने में विपक्ष से सहयोग मांगा
गृहमंत्री अनिल विज ने प्रदेश भर में बढ़ते साइबर क्राइम को खत्म करने के लिए विपक्षी दलों का सहयोग मांगा। विज ने कहा है कि विपक्ष पार्टीबाजी से ऊपर उठकर साइबर क्राइम को खत्म करने का बीड़ा उठाए। राज्य की पुलिस इस काम में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है। अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय संपर्क तोड़ने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग भी लिया जाएगा।
कानून व्यवस्था पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का गृहमंत्री अनिल विज ने दिया जवाब
अनिल विज विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य में कांग्रेस व भाजपा के विधायकों को मिली धमकियों के मुद्दे पर कानून व्यवस्था को लेकर पेश किए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने दो बार वाकआउट किया। उनका आरोप था कि सरकार ने विधायकों को धमकियां मिलने का मामला गंभीरता से नहीं लिया है।

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र का नजारा। (हरियाणा डीपीआर)
कहा- अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय संपर्कों को तोड़ने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग भी है जरूरी
गृहमंत्री विज ने कहा कि हरियाणा ही नहीं देश भर में साइबर क्राइम बढ़ रहा है। विधायकों को जबरन वसूली की धमकी भरी फोन काल मिलने की सूचना के बाद ही संबंधित थाना क्षेत्रों में एफआइआर दर्ज की गई थी। विधायकों को व्यक्तिगत सुरक्षा के अतिरिक्त भी पुलिसकर्मी प्रदान किए गए।
विज ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों के लिए वीवीआइपी सुरक्षा के बारे में रिफ्रेसर कोर्स का आयोजन किया गया। विधायकों के सुरक्षाकर्मियों को एके-47 जैसे उन्नत हथियार भी प्रदान किए गए। विज ने बताया कि प्रदेश के विधायकों के अलावा अन्य राज्यों के विधायकों को भी इसी तरह की धमकी मिली थीं।
पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे फोन नंबर
विज के अनुसार मोबाइल फोन के तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि धमकी भरे काल करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे नंबर मध्य पूर्वी देशों में पंजीकृत थे और पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे। जांच के बाद छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने कहा कि इनके कब्जे से 55 एटीएम, 24 मोबाइल, 56 सिम कार्ड, 22 बैंक पासबुक व चैकबुक, तीन लाख 97 हजार रुपये नकद, एक वाहन और तीन डायरी बरामद किए गए। जांच के दौरान यह भी पता चला कि धमकी एवं जबरन वसूली की मांग कुछ पाकिस्तानी निवासियों के माध्यम से की गई थी।
आतंकवादी नहीं साइबर ठग
अनिल विज ने सदन में कहा कि विधायकों को धमकी भरे फोन करने वाले आतंकवादी गिराेह से नहीं बल्कि साइबर ठग थे। ये ठग पंजाब में हाल ही में प्रचारित आपराधिक घटनाओं का उपयोग कर वर्तमान स्थिति का फायदा उठाने की कोशिक कर रहे थे। विधायक कुलदीप वत्स की शिकायत पर पटौदी और झज्जर के मामले की जांच चल रही है। विधायक मामन खान के मामले से संबंधित शिकायत पुलिस को नहीं मिली है।
अच्छा काम करने वालों को मिलेंगे साल में 30 पुलिस मेडल
गृहमंत्री विज ने सदन में घोषणा की है कि पुलिस के गलत काम पर सरकार की तरफ से निलंबन और स्थानांतरण जैसी सजा दी जाती है मगर अच्छा काम करने पर प्रदेश स्तर पर प्रशंसा नहीं की जाती। अब सरकार की तरफ से अच्छा काम करने वाले पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को साल में 30 मेडल दिए जाएंगे। इनमें से 10 मुख्यमंत्री मेडल, 10 गृहमंत्री और 10 पुलिस महानिदेशक के नाम पर मेडल होंगे। मेडल के साथ 21 हजार रुपये की नकद राशि और छह माह का सेवा विस्तार दिया जाएगा। इसकी घोषणा सरकार एक नवंबर 2022 से कर सकती है।
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते हुए विपक्ष के विधायकों ने सरकार का ध्यान कई गंभीर मुद्दों की तरफ आकर्षित किया। इनेलो के अभय चौटाला, निर्दलीय बलराज कुंडू, कांग्रेस के डाक्टर रघुबीर कादियान सहित नीरज शर्मा ने अनेक उदाहरण देकर बताया कि राज्य की कानून व्यवस्था खराब है। हालांकि गृहमंत्री विज ने सिलसिलेवार विपक्षी सदस्यों का जबाव देते हुए सबसे पहले भाजपा और कांग्रेस के समय में कानून व्यवस्था के आंकड़े रखे। उन्होंने आंकड़ों को विस्तार से बताया कि कांग्रेस के समय आपराधिक घटनाएं ज्यादा होती थीं।
अभय चौटाला ने कहा कि गुरुग्राम में एक हथियार रखने का लाइसेंस पांच लाख रुपये में बनता है। डाक्टर कादियान ने कहा कि जिस तरह विधायकों को धमकी मिली, यदि वे सत्ता में होते तो तत्काल नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देते। कांग्रेस के नीरज शर्मा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के एक मामले में सीबीआइ से जांच के आदेश दिए थे मगर प्रशासनिक अधिकारियों ने यह आदेश सिरे नहीं चढ़ने दिया।

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