हरियाणा में अब अनधिकृत औद्योगिक काॅलोनियां करा सकेंगे नियमित, आवेदन करते ही मिलेगी बड़ी राहत
हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य की अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत न्यूनतम 10 एकड़ भूमि पर स्थित 50 उद्योगों वाली कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा जिससे इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचागत विकास और श्रमिकों के लिए बेहतर सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस दिशा में कदम बढ़ाया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब ऐसी सभी अनधिकृत औद्योगिक काॅलोनियां नियमित हो सकेंगी, जहां न्यूनतम 50 उद्यमी अपना कारोबार करते हैं। बशर्ते की औद्योगिक इकाइयां कम से कम 10 एकड़ भूमि पर हों। नियमितीकरण के लिए सामूहिक रूप से पोर्टल पर आवेदन करना होगा। आवेदन पर सरकार के अंतिम निर्णय तक अदालती मामलों को छोड़कर विभिन्न विभागों द्वारा अनधिकृत उद्योगों के खिलाफ की जा रही दंडात्मक कार्रवाई लंबित रहेगी।
प्रदेश में तीन अक्टूबर से हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन अधिनियम-2025 लागू हो गया है। विधि एवं विधायी विभाग की प्रशासनिक सचिव रितु गर्ग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
शहर-कस्बों में अनियमित कालोनियों की तर्ज पर नगरपालिका क्षेत्र से बाहर सरकार से बगैर अनुमति लिए संचालित किए जा रहे उद्योगों को मान्यता देने और वहां आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में यह विधेयक लाया गया था।
पिछले दस वर्ष में 2145 अनधिकृत आवासीय काॅलोनियों को नियमित किया गया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को नियमित करने के लिए कदम बढ़ाए हैं। अनधिकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों को बुनियादी नागरिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान कराया जाएगा।
इससे यहां बुनियादी ढांचागत विकास के साथ श्रमिकों के लिए बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। अनधिकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों का अर्थ है ऐसी औद्योगिक इकाई की स्थापना, जो सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना स्थापित की गई हैं।
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