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    दहशत के दो साल : हिसा को याद कर कांप उठते हैं पंचकूला के लोग

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 27 Aug 2019 06:43 AM (IST)

    25 अगस्त 2017 का दिन पंचकूला निवासियों पर काफी भारी रहा था।

    दहशत के दो साल : हिसा को याद कर कांप उठते हैं पंचकूला के लोग

    राजेश मलकानियां, पंचकूला : 25 अगस्त 2017 का दिन पंचकूला निवासियों पर काफी भारी रहा था। उस दिन की दहशत को यहां के निवासी अभी भी याद करके कांप जाते हैं। दो साल पहले डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराने के बाद उसके गुंडों ने पंचकूला में जमकर हिसा और आगजनी की थी। पंचकूला बुरी तरह जल रहा था। हर तरफ आग की लपटें और दौड़ती भीड़ थी। कहीं गोलियां चल रही थीं तो कहीं डंडे बरस रहे थे। हिसा के दो साल बीत जाने के बाद भी लोगों के जख्म नहीं भरे हैं। कुछ मरहम लगाते हुए हरियाणा सरकार ने वायदा किया था कि पीड़ितों को मुआवजा मिलेगा लेकिन दो साल बाद भी किसी को मुआवजा नहीं मिला और न ही कोई पूछने आया। अभी भी लोग हिसा के मंजर को भूला भी नहीं पाए हैं। आदित्य इंसां और विपासना का नहीं लगा सुराग

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    राम रहीम को दोषी ठहराने के पंचकूला स्थित विशेष सीबीआइ अदालत के फैसले से नाराज उपद्रवियों ने सड़क पर खड़े व्हीकल्स को आग लगा दी थी। इसके बाद देशद्रोह के अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे लेकिन दो केसों को छोड़कर बाकी आठ केसों में गृहसचिव ने देशद्रोह की धारा लगाने की परमिशन नहीं दी थी जिसे दोबारा रद कर दिया गया था। पंचकूला पुलिस ने दोबारा से इन एफआइआर की रिपोर्ट गृहसचिव को भेजी है जिसमें एफआइआर नंबर-345 के सभी सुबूतों की कॉपी को लगाया गया है। इससे भी हैरानी की बात तो यह है कि मामले के दो साल बीत जाने के बाद भी पुलिस सभी आरोपितों को पकड़ नहीं पाई है। मुख्य आरोपितों में आदित्य इंसां, विपासना पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। आदित्य इंसां पर पांच लाख का इनाम

    आदित्य इंसां पर 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपये का इनाम रखा जा चुका है। इसी केस में हनीप्रीत का नाम आने के बाद डेरे की चेयरपर्सन विपासना का नाम भी आया था। विपासना के अरेस्ट वारंट भी जारी किए गए थे। वह डेरा सच्चा सौदा सिरसा में ही है। इसके बावजूद अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है। उसे पकड़ा न जाना पंचकूला पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता है। पंचकूला को जलाने की प्लानिंग करने वाले मोस्टवांटेड अभी भी फरार हैं। खूब होती है नामचर्चा

    पंचकूला में हिसा करने वालों को शरण सेक्टर-23 स्थित नामचर्चा घर में ही मिल रखी थी। यहां से ही लोगों के लिए लंगर बनकर जाता था। 25 अगस्त की हिसा के बाद इस बिल्डिंग को सील कर दिया गया था। तलाशी के दौरान यहां लाठियां-डंडे भी मिले थे। लेकिन नवंबर 2017 को स्थिति नॉर्मल होने के बाद इस सील को खुलवाया गया था। अब तो इस नामचर्चा घर में लोगों की भीड़ भी बहुत जुटती है और नामचर्चा भी खूब होती है। लोकसभा से पहले अपना शक्ति प्रदर्शन करने में भी डेरा समर्थक पीछे नहीं रहे थे। हजारों लोग इस नामचर्चा घर में आते हैं। कमजोर दलीलों के कारण छूट गए आरोपित

    पंचकूला पुलिस ने वैसे तो अलग-अलग 177 मामलों को दर्ज किया था। लेकिन पंचकूला पुलिस की कमजोर दलीलों के कारण अभी तक कुछ केसों में आरोपित बरी हो चुके हैं। पंचकूला पुलिस ये साबित ही नहीं कर पाई कि ये ही आरोपित मौके पर मौजूद थे। सुबूत नहीं दिए जा सके कि जिस आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनमें ये शामिल थे या नहीं। कमजोर दलीलों के कारण कोर्ट ने आरोपितों को बरी कर दिया था। जज जगदीप सिंह को मिली सुरक्षा

    गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद स्पेशल सीबीआइ कोर्ट के जज जगदीप सिंह को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। जज को बुलेट प्रूफ गाड़ी दी गई है। घर और कोर्ट के बाहर भी सुरक्षा पहरा लगाया गया है। सीबीआइ कोर्ट में किसी भी आरोपित, वकील की जाने से पहले चेकिग की जाती है। 36 लोगों की हुई थी मौत, 177 एफआइआर दर्ज की गई थी

    आगजनी में 453 लोग घायल हुए थे1 137 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव और पेट्रोल बम फेंके थे। 123 लोगों, संस्था या डिपार्टमेंट की ओर से नुकसान होने की बात कही गई और डैमेज के लिए आवेदन दिया गया था। हिसा में 36 लोगों की जान गई थी। 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था। आवेदन करने वाले एक भी शख्स को मुआवजा नहीं मिला है।