मणिपुर हिंसा की जांच करेंगे हरियाणा के दो तेजतर्रार IPS अधिकारी, CBI की एसआईटी में होंगे शामिल
मणिपुर हिंसा की जांच के लिए सीबीआई की एसआईटी में हरियाणा के दो तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। वर्ष 2010 बैच के अधिकारी सुरिंदर पाल सिंह और 2012 बैच के सुनील कुमार को प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि मणिपुर हिंसा की जांच पर सर्वोच्च न्यायालय खुद नजर रखे हुए है।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Manipur Violence हरियाणा के दो तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी मणिपुर हिंसा की जांच करेंगे। भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2010 बैच के अधिकारी सुरिंदर पाल सिंह और 2012 बैच के सुनील कुमार को प्रतिनियुक्ति पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में भेजने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में हरियाणा सशस्त्र पुलिस बटालियन मधुबन में कमांडेंट के रूप में तैनात दोनों अधिकारी सीबीआई के विशेष जांच दल (एसआईटी) में सेवाएं देंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा, असम और त्रिपुरा की सरकारों से एसपी स्तर के दो-दो आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में भेजने के निर्देश दिए थे। मणिपुर हिंसा की जांच पर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) खुद नजर रखे हुए है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को हस्तांतरित की गई एफआईआर की जांच और शेष एफआईआर की राज्य स्तरीय जांच मशीनरी की निगरानी के लिए महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक दत्तात्रय पडसलगीकर को नियुक्त किया हुआ है।
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हरियाणा के गृह विभाग ने MHA ने भेजे अधिकारियों के नाम
हरियाणा के गृह विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सीबीआई की एसआईटी के लिए आईपीएस सुरिंदर पाल सिंह और सुनील कुमार के नाम भेज दिए हैं। यह दोनों अधिकारी दत्तात्रेय पडसलगीकर को समय-समय पर जांच की प्रगति रिपोर्ट के साथ ही अपनी फाइनल रिपोर्ट भी देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी को आरोपों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है जिसमें कहा गया है कि मणिपुर में हिंसा के दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों की यौन उत्पीड़न के आरोपितों के साथ मिलीभगत रही और गंभीर अपराधियों को शह दी गई थी।
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