Flying Sikh पद्मश्री Milkha Singh की जयंती पर CM मनोहर लाल ने किया नमन, कहा- हमेशा रहेंगे युवाओं के प्रेरणास्रोत
Tribute to Flying Sikh सीएम मनोहर लाल ने फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर तथा भारत का मान बढ़ाने वाले पद्मश्री मिल्खा सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन किया है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि भारत के श्रेष्ठ एथलीट के रूप में उनकी प्रतिबद्धता और रनिंग ट्रैक पर उनका अद्भुत प्रदर्शन देश के युवाओं को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

जागरण डिजिटल डेस्क, पंचकूला। Milkha Singh Birthday: पद्मश्री मिल्खा सिंह की जयंती पर सीएम मनोहर लाल ने उन्हें कोटि कोटि नमन किया। उन्होंने कहा कि 'फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर तथा भारत का मान बढ़ाने वाले पद्मश्री मिल्खा सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि भारत के श्रेष्ठ एथलीट के रूप में उनकी प्रतिबद्धता और रनिंग ट्रैक पर उनका अद्भुत प्रदर्शन देश के युवाओं को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
'फ्लांइग सिख' के नाम से मशहूर तथा भारत का मान बढ़ाने वाले पद्मश्री मिल्खा सिंह जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।
भारत के श्रेष्ठ एथलीट के रूप में उनकी प्रतिबद्धता और रनिंग ट्रैक पर उनका अद्भुत प्रदर्शन देश के युवाओं को सदैव प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/GDKjAAWUoX
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 20, 2023
20 नवंबर 1929 में हुआ था जन्म
आज पद्मश्री उड़न सिख मिल्खा सिंह का जन्मदिन है। स्वर्गीय मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर,1929 को मौजूदा पाकिस्तान के गोविंदपुरा शहर में हुआ था। उनका जीवन खेल को ही समर्पित रहा। मिलखा सिंह मरते दम तक खिलाड़ियों में जोश भरने का काम करते रहे। उनका जीवन देश दुनिया के खिलाड़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
देश विदेश की हस्तियां कर रही याद
आज उनके जन्मदिन पर देश और विदेश की कई हस्तियां मिल्खा सिंह को याद कर रही है। सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरों को खूब शेयर किया जा रही है। चंडीगढ़ के रहने वाले मिल्खा सिंह का निधन साल 2021 में हुआ था। खास बात तो ये है कि उन्हें कोरोना हुआ था। उस उम्र में भी उन्होंने कोरोना को मात दे दी थी, लेकिन बाद में उनका देहांत हो गया था।
जनरल अयूब खान ने दिया था नाम- मिलखा सिंह
पद्मश्री मिल्खा सिंह ने साल 1958 के एशियाई खेलों में 200 मीटर व 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने सन 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में उन्होंने पूर्व ओलंपिक कीर्तिमान को ध्वस्त किया लेकिन वह मेडल नहीं जीत सके थे। साल 1960 में पाकिस्तान प्रसिद्ध धावक अब्दुल बासित को पाकिस्तान में उन्होंने काफी अंतर से हराया, जिसके बाद जनरल अयूब खान ने उन्हें ‘उड़न सिख’ कह कर पुकारा था।
साल 1962 के जकार्ता में आयोजित एशियन खेलों में मिल्खा ने 400 मीटर और 4 X 400 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड मेडल जीता था। रोम ओलिंपिक में स्थापित मिल्खा के कीर्तिमान को धावक परमजीत सिंह ने 40 साल बाद साल 1998 में तोड़ा था। मिल्खा सिंह के जीवन पर बालीवुड फिल्म भाग मिल्खा भाग भी बन चुकी है।
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