हरियाणा: मानसून सत्र में तीन विधेयक पास, जानिए इसके बारे में; आम लोगों पर क्या पड़ेगा असर
हरियाणा सरकार ने अवैध औद्योगिक कॉलोनियों को नियमित करने के लिए एक विधेयक पारित किया है जिससे 50 से अधिक उद्यमियों वाली और 10 एकड़ तक की इकाइयों को लाभ होगा। इसके अतिरिक्त विधायकों के यात्रा भत्ते में संशोधन किया गया है जिसके तहत वे अब सैर-सपाटे के लिए हर महीने दस हजार रुपये ले सकेंगे।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शहरों में अवैध रूप से बसी औद्योगिक कालोनियां अब नियमित की जाएंगी। कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स, गीता भुक्कल और आदित्य सुरजेवाला की आपत्तियों को खारिज करते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार को विधानसभा में हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक-2025 पारित करा लिया।
इसी तरह हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन) संशोधन विधेयक पारित होने से विधायकों और पूर्व विधायकों को हर महीने सैर-सपाटे के लिए दस हजार रुपये लेने का अधिकार मिल गया है। हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक से पिछड़ा वर्ग आयोग के अधिकार में बढ़ोतरी की गई है।
विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन तीनों विधेयक पारित कर दिए गए। इसके अलावा हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक-2025 तथा हरियाणा माल और सेवा कर संशोधन विधेयक को पुनर्स्थापित किया गया है।
विधानसभा में पारित विधेयक के अनुसार ऐसी सभी अनाधिकृत औद्योगिक कालोनियां नियमित हो सकेंगी, जहां कम से कम 50 उद्यमी अपना कारोबार करते हैं और उनकी इकाइयों का क्षेत्रफल कम से कम 10 एकड़ तक है। अधिकतम संख्या कितनी भी हो सकती है।
इन सभी उद्यमियों को सामूहिक रूप से राज्य सरकार के पोर्टल पर औद्योगिक अनियमित कालोनी को नियमित करने के लिए आवेदन करना होगा। वहीं, प्रदेश सरकार ने विधायकों और उनके परिजनों के लिए विशेष यात्रा भत्ते के साथ मासिक पेंशन और महंगाई राहत की अधिकतम एक लाख रुपये की सीमा हटा दी है।
विशेष यात्रा भत्ते के लिए मासिक पेंशन और महंगाई राहत की अधिकतम एक लाख रुपये की शर्त हटाते हुए खंड जोड़ा गया है कि देश में कहीं भी स्वयं या पारिवारिक सदस्यों द्वारा की गई यात्रा के लिए विशेष यात्रा भत्ता की राशि प्रति मास दस हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अभी तक विधानसभा का प्रत्येक सदस्य और उनके परिजन हर महीने अधिकतम दस हजार रुपये के विशेष यात्रा भत्ता का हकदार थे, बशर्ते कि मासिक पेंशन, महंगाई राहत और विशेष यात्रा भत्ते की कुल राशि एक लाख रुपये से कम हो। नियमों में बदलाव से सरकार पर 55 लाख रुपये का बोझ बढ़ेगा।
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