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    पंचकूला नगर निगम में 20 वार्ड ही रहेंगे, महिलाओं का बढ़ेगा दबदबा, आगामी चुनाव के लिए राजनीतिक हलचल तेज

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 01:25 PM (IST)

    पंचकूला नगर निगम चुनाव में वार्डों की संख्या 20 ही रहेगी पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने पंचकूला सोनीपत और अंबाला के वार्डों की संख्या तय कर आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। अनुसूचित जाति के लिए तीन वार्ड आरक्षित हैं जिनमें एक महिला सीट है। बीसी-ए और बीसी-बी के लिए एक-एक वार्ड आरक्षित हैं जिन पर सिर्फ महिलाएं ही चुनाव लड़ पाएंगी।

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    शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने वार्डों की संख्या फाइनल कर आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है।

    राजेश मलकानियां, पंचकूला। पंचकूला नगर निगम चुनाव में वार्डों की संख्या में अब कोई बदलाव नहीं होगा। 20 वार्ड रहेंगे, लेकिन महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने वाली है। आगामी चुनाव के मद्देनजर शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने तीन निगमों पंचकूला, सोनीपत और अंबाला में वार्डों की संख्या फाइनल कर दी है और आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई है। हालांकि, वार्डों की रूपरेखा में बदलाव की संभावनाएं बरकरार हैं।

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    पंचकूला निगम में अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए तीन वार्ड आरक्षित होंगे, जिनमें एक महिला की सीट भी शामिल होगी। पिछली बार पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लिए सिर्फ एक वार्ड आरक्षित था, मगर इस बार बीसी-ए और बीसी-बी के लिए अलग-अलग एक-एक वार्ड आरक्षित किए गए हैं और दोनों पर सिर्फ महिलाएं ही चुनाव लड़ पाएंगी। यानी अब पंचकूला निगम में महिलाओं की मौजूदगी पहले से कहीं ज्यादा होगी। सामान्य वर्ग का एक वार्ड कम कर दिया गया है, जिससे समीकरण बदलेंगे।

    कमेटी की बैठक नहीं, सियासी अटकलें तेज

    वार्डबंदी के लिए प्रस्तावित कमेटी का गठन तो तत्कालीन उपायुक्त ने कर दिया था और पत्र भी यूएलबी को भेजा जा चुका था, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी बैठक नहीं हुई। सूत्र बताते हैं कि इस कमेटी को अभी मंजूरी नहीं मिली है, क्योंकि दो कांग्रेस सदस्यों के नामों पर ऐतराज जताया गया है। अब चर्चाएं हैं कि जब भी कमेटी को मंजूरी मिलेगी, उसमें भाजपा का प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है और कांग्रेस का घट सकता है। यह फेरबदल आने वाले निगम चुनावों में पूरी तस्वीर बदल सकता है।

    पीपीपी डेटा से बदलेगा खेल

    वार्डों के परिसीमन के लिए अब पारंपरिक जनगणना के बजाय पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे बिना नई जनगणना के हर वार्ड की जनसंख्या का सटीक अनुमान मिल जाएगा। पंचकूला में अधिकांश लोगों के पीपीपी कार्ड बने हुए हैं और यह डेटा जिला प्रशासन के पास मौजूद है। इसका फायदा यह होगा कि हर वार्ड में लगभग समान जनसंख्या सुनिश्चित की जा सकेगी और इलाके के अनुसार एरिया एडजस्टमेंट आसानी से किया जा सकेगा।

    समान जनसंख्या वाले वार्ड, वोटरों में नया उत्साह

    राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि समान जनसंख्या वाले वार्ड बनने से उम्मीदवारों के लिए रणनीति बनाना भी नया अनुभव होगा। अब प्रत्येक क्षेत्र में यह तय किया जा सकेगा कि कौनसा मोहल्ला किस वार्ड में जाएगा, जिससे मतदाताओं की स्थिति स्पष्ट होगी। इससे नए चेहरे भी चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

    आरक्षण प्रक्रिया से बढ़ेगा महिला सशक्तिकरण

    आरक्षण तय करने के बाद ड्राॅफ्ट पर नागरिक, राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन 15-30 दिन के भीतर आपत्तियां व सुझाव दे सकेंगे। इन सुझावों पर सुनवाई के बाद अंतिम सीमाएं तय की जाएंगी और अधिसूचना जारी होगी। इसके बाद चुनाव आयोग वार्डवार आरक्षण को फाइनल करेगा। हर वार्ड में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला आरक्षण तय किया जाता है। सामान्यत: सीटों का रोटेशन भी होता है ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सके।

    सेक्टर-21 में टिकट के चाहवान सर्वाधिक

    नए आरक्षण और वार्डबंदी के बाद चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं में हलचल मच गई है। महिलाओं के लिए बढ़े आरक्षण ने कई पार्टियों को महिला प्रत्याशी तैयार करने पर मजबूर कर दिया है। बीसी और एससी वर्ग के लिए अलग-अलग सीटें तय होने से चुनावी गणित उलझ गया है। टिकट पाने की दौड़ और तेज हो गई है।

    सेक्टर-21 पंचकूला में भाजपा की टिकट के सर्वाधिक चाहवान है। यह वार्ड बणिया समुदाय का बहुल वोट बैंक है। यहां से इस समय बणिया समाज से पार्षद है। भाजपा का एक बड़ा धड़ा चाहता है कि आपसी खींचतान से बचने के लिए यह वार्ड यदि महिला आरक्षित हो जाए तो पार्टी को विरोध का बड़ा सामना नहीं करना पड़ेगा।

    जनवरी 2026 में बड़े बदलावों के बीच निगम चुनाव

    पंचकूला, अंबाला और सोनीपत नगर निगमों में जनवरी 2026 में मेयर और पार्षदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में इन नगर निगमों के आगामी चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। आरक्षण और वार्डबंदी के इस नए फ़ार्मूले के बाद पारंपरिक नेताओं के समीकरण भी बदलने की संभावना है।

    नई कॉलोनियां, बढ़ती जनसंख्या नई चुनौती

    पंचकूला नगर निगम में नई-नई कॉलोनियों के जुड़ने और जनसंख्या बढ़ने के कारण समय-समय पर वार्डबंदी की जाती रही है। इस बार पीपीपी डेटा की मदद से अधिक सटीक और पारदर्शी वार्डबंदी होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी तभी होगी जब नागरिक भी अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज कराएंगे। इससे वार्डबंदी अधिक संतुलित और जनहित में होगी।

    चुनावी जमीन पर बढ़ी हलचल

    पंचकूला नगर निगम की वार्डबंदी पर जारी ड्राॅफ्ट और आरक्षण की नई व्यवस्था ने राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी है। महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व से नगर निगम की तस्वीर बदलने के संकेत मिल रहे हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले महीनों में कमेटी की मंजूरी, वार्ड परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया किस तरह आगे बढ़ती है। फिलहाल इतना तय है कि पंचकूला नगर निगम के चुनाव और भी दिलचस्प और प्रतिस्पर्धी होने वाले हैं।