हरियाणा में 9 लाख परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटने पर बवाल, विधानसभा में जमकर हुआ हंगामा; पढ़ें पूरा मामला
हरियाणा में लगभग साढ़े नौ लाख परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने पर विपक्ष ने विधानसभा में हंगामा किया। कांग्रेस विधायक ने सरकार से इस बारे में सवाल पूछे। सरकार ने बताया कि कई परिवारों को जोड़ा और हटाया गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव के बाद लोगों को बीपीएल योजनाओं से वंचित कर दिया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले एक साल के भीतर करीब साढे नौ लाख परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर कर दिया गया है। इस पर मंगलवार को विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया। विपक्ष ने साढ़े नौ लाख परिवारों को बीपीएल सूची से बाहर करने के मुद्दे को विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि भाजपा ने प्रदेश के लोगों की वोट लेने के बाद उन्हें बीपीएल योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया है।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान तथा वर्तमान में बीपीएल की संख्या में भारी बदलाव हुआ है। इस अवधि में प्रदेश में आठ लाख 73 हजार 507 परिवार बीपीएल सूची में जोड़े भी गए हैं। विधानसभा में मंगलवार को डबवाली के कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सरकार से पूछा कि प्रदेश में एक जनवरी 2024 से लेकर 31 जुलाई 2025 की अवधि के दौरान कितने नए बीपीएल कार्ड जारी किए गए तथा कितने बीपीएल कार्ड काटे गए।
31 मार्च 2025 तथा वर्तमान में प्रदेश में बीपीएल कार्ड धारकों की कुल संख्या कितनी है। कांग्रेस विधायक ने पूछा कि बीपीएल कार्ड बंद करने का क्या आधार है। विधानसभा में मुख्यमंत्री की तरफ से विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि राज्य में एक जनवरी 2024 से 31 जुलाई 2025 के दौरान प्रदेश में आठ लाख 73 हजार 507 परिवार जोड़े गए हैं। इस अवधि के दौरान नौ लाख 68 हजार 506 परिवारों को बीपीएल की सूची से बाहर किया गया।
सरकार ने सदन में बताया कि 31 मार्च 2025 तक बीपीएल परिवारों की कुल संख्या 52 लाख 37 लाख 671 थी, जबकि 22 अगस्त 2025 को प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या 41 लाख 93 हजार 669 है। प्रदेश में महज तीन माह के भीतर 10 लाख 44 हजार परिवार बीपीएल से बाहर हो गए। हरियाणा सरकार ने जैसे ही सदन में यह रिपोर्ट पेश की तो विपक्ष ने हंगामा कर दिया।
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधानसभा चुनाव के चलते कई लोगों के नाम बीपीएल सूची में डाले और चुनाव के तुरंत बाद उनका नाम बाहर कर दिया। विपक्ष ने जब बीपीएल के मुद्दे पर सरकार को घेरा तो मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि विपक्ष ने चुनाव के दौरान प्रदेश के लोगों को बीपीएल के नाम पर गुमराह किया। अब जब सरकार ने सर्वे के बाद बीपीएल की सूची को संशोधित किया है तो विपक्ष मुद्दा बना रहा है।
मुख्यमंत्री ने जैसे ही सर्वे की बात कही तो विपक्षी विधायकों ने दावा किया कि यह सर्वे गुपचुप करवाया जा रहा है। इसके जवाब में सीएम ने कहा कि सरकार ने पोर्टल खोला था, जिसमें लोगों ने अपनी आय घोषित की। एक लाख 80 हजार रुपये वार्षिक आय से अधिक आय वाले परिवार स्वयं ही बीपीएल की सूची से बाहर हो गए हैं। इसके बाद स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने हस्तक्षेप करते हुए विपक्ष को शांत किया और प्रश्नकाल चलाया।
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