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    आयुष्मान भारत योजना के बकाया भुगतान को लेकर हरियाणा सरकार और अस्पतालों में बढ़ रहा टकराव

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 07:33 PM (IST)

    हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों द्वारा मुफ्त इलाज न करने पर सरकार ने कुछ अस्पतालों को नोटिस जारी किए हैं। आईएमए ने बकाया भुगतान में देरी का आरोप लगाते हुए हड़ताल की है जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। सरकार ने अस्पतालों को चेतावनी दी है और भुगतान में तेजी लाने का आश्वासन दिया है। आईएमए ने सरकार के इस कदम का विरोध किया है।

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    बकाया भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर निजी अस्पतालों ने इलाज किया बंद।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मरीजों के निशुल्क इलाज को लेकर भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) और प्रदेश सरकार में टकराव बढ़ता जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) हरियाणा ने कुछ निजी अस्पतालों को नोटिस थमाए हैं, जिनके खिलाफ मरीजों का उपचार नहीं करने की शिकायतें मिली हैं।

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    बकाया भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर आइएमए से जुड़े निजी अस्पताल विगत सात अगस्त से योजना के लाभार्थियों का उपचार नहीं कर रहे। रेवाड़ी में एक लाभार्थी को उपचार से वंचित करने की शिकायत पर एसएचए ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद अस्पताल संचालक ने स्पष्ट किया कि कैशलेस उपचार के लिए मरीज को भर्ती कर लिया गया है।

    एसएचए ने पैनल में शामिल सभी निजी अस्पतालों को चेतावनी दी है कि उपचार से इनकार या योजना का उल्लंघन करने की कोई शिकायत आती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आश्वासन दिया कि सभी बकाया भुगतान बिना किसी देरी के निपटाए जाएंगे।

    वर्तमान में जून के दूसरे सप्ताह तक जमा किए गए दावों का भुगतान किया जा चुका है। 13 अगस्त तक केंद्र और राज्य सरकारों से लगभग 480 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जो सभी योग्य दावों के निपटान में खर्च किए जा चुके हैं।

    सात दिन में ही 170 करोड़ रुपये जारी किए

    पिछले सात दिन में ही राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों को 170 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। एसएचए का दावा है कि राज्य के कई निजी अस्पताल आइएमए के सेवाएं वापस लेने के आह्वान से अलग हो गए हैं और सेवाएं जारी रखे हुए हैं। औसतन 2500 ‘प्री-ऑथ’ प्रतिदिन सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा दर्ज किए जा रहे हैं, जिनमें निजी अस्पताल लगभग दो करोड़ रुपये के प्री-आथ प्रतिदिन कर रहे हैं।

    आइएमए हरियाणा के प्रधान डा. महावीर पी जैन, मानद सचिव डा. धीरेंद्र के सोनी और पूर्व प्रधान डा. अजय महाजन ने सरकार द्वारा जारी किए जा रहे कारण बताओ नोटिसों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एमओयू के अनुसार मरीज के इलाज के बदले सरकार को 15 दिन में भुगतान करना होता है।

    इसके उलट तीन-चार महीने तक भुगतान नहीं किया जा रहा। कई मामलों में भुगतान तीन साल से लटका है। यह मनमानी नहीं चलेगी। आइएमए मुख्यालय ने भी हरियाणा में चल रही हड़ताल का समर्थन किया है। यही हाल रहा तो हमारी लड़ाई पूरे देश में फैल सकती है।