भूस्खलन से मोरनी में काजड़ गांव के धंसने का खतरा, तेज वर्षा हुई तो आएगी आफत
पंचकूला के मोरनी क्षेत्र में लगातार बारिश से काजड़ गांव में भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। मिट्टी खिसकने से कई घर संकट में हैं और ग्रामीणों की जमीन भी ढहने के कगार पर है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से सुरक्षा दीवारें बनवाने की गुहार लगाई है ताकि गांव को सुरक्षित किया जा सके और संभावित नुकसान से बचाया जा सके।

संवाद सहयोगी, मोरनी। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से कई गांवों में घरों व जमीनों का भारी नुकसान देखने में आया है और खतरा अभी भी टला नहीं है। भोज जब्याल पंचायत के काजड़ गांव के नीचे हुए भूस्खलन से गांव के दर्जनों घर संकट में आ गए हैं। इस गांव के नीचे बारिश के दौरान काफी बड़े एरिया में भूस्खलन से मिट्टी खिसक गई जिसके बाद गांव को धंसने का खतरा पैदा हो गया था।
स्थानीय ग्रामीण भगवान दास, हेत राम, दुर्गा राम, पुरुषोत्तम और दीपक का कहना है कि गांव के नीचे से मिट्टी लगातार खिसक रही है। ऐसे में यदि अगले दिनों में तेज बारिश हुई तो गांव में बने घर संकट में आ जाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि भूस्खलन की वजह से न केवल मकानों की सुरक्षा खतरे में है, बल्कि उनकी जमीन भी धंसने का संकट है।
पहाड़ी क्षेत्र में कई गांव पहले ही भूस्खलन से नुकसान झेल चुके हैं और अब काजड़ गांव भी उसी जोखिम से गुजर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम उठाए तो बड़ा नुकसान टल सकता है। उन्होंने मांग की है कि पंचायत व वन विभाग मिलकर गांव के नीचे मजबूत बचाव दीवारें लगवाए जिससे घरों और जमीन को भूस्खलन से सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जहां से भूस्खलन हुआ है उसके ऊपर गांव है और काफी ग्रामीण यहां निवास करते हैं।
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