हरियाणा के श्रम कानूनों में नायब सरकार ने किया बदलाव, अब 115 की बजाय 144 घंटे तक कर सकेंगे ओवरटाइम
हरियाणा सरकार ने कारखाना और दुकान अधिनियमों में संशोधन किया है। निजी क्षेत्र के श्रमिकों को नियुक्ति पत्र मिलेंगे। महिला श्रमिकों को सुरक्षा के साथ काम करने की अनुमति होगी। ओवरटाइम सीमा 115 से बढ़कर 144 घंटे हो गई है। छोटे प्रतिष्ठानों को ऑनलाइन स्व-घोषणा करनी होगी। छोटे अपराधों पर अब जुर्माना लगेगा, जेल नहीं।
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हरियाणा में श्रम कानूनों में बदलाव: श्रमिकों को नियुक्ति पत्र और ओवरटाइम में वृद्धि
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में ‘कारखाना (संशोधन) अध्यादेश और दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश 2025 को मंजूरी प्रदान की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित अध्यादेश के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। नई व्यवस्था के अनुसार अब निजी क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को भी नियुक्ति पत्र तथा परिचय पत्र प्रदान किये जाएंगे।
20 से कम कर्मचारी वाले निजी प्रतिष्ठानों और दुकानों पर दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम लागू नहीं होगा। महिला श्रमिकों को मशीनरी पर आवश्यक सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध होने पर ही कार्य करने की अनुमति मिलेगी। तीन महीने में 115 घंटे की बजाय अब 144 घंटों तक ओवरटाइम काम करने सुविधा प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इन अहम फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान औद्योगिक प्रथाओं के अनुरूप श्रम नियमों का आधुनिकीकरण करने, व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने तथा राज्य भर के कारखानों में लैंगिक समानता और श्रमिक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए ‘कारखाना (संशोधन) अध्यादेश 2025’ को मंजूरी दी गई। अध्यादेश में कारखाना अधिनियम 1948 में प्रमुख संशोधन किए गए हैं, जो श्रमिकों को नियुक्ति पत्र जारी करने, सभी प्रकार के कारखाना कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने, सरल कार्य घंटे और विनियमित ओवर टाइम प्रविधानों से संबंधित हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब प्रत्येक नियोक्ता या कारखाना प्रबंधन को प्रत्येक श्रमिक को नियुक्ति के समय औपचारिक नियुक्ति पत्र जारी करना अनिवार्य होगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, रोजगार की शर्तों में स्पष्टता होगी तथा नियोक्ताओं और श्रमिकों दोनों को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। महिला श्रमिकों को मशीनरी पर या उसके निकट काम करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते नियोक्ताओं द्वारा आवश्यक सुरक्षा उपाय और सुरक्षात्मक उपकरण सुनिश्चित किए जाएं। अधिनियम की धारा 27 के अंतर्गत महिलाओं और बच्चों को कपास की मशीनों के पास काम करने से रोकने वाला पुराना प्रतिबंध हटा दिया गया है, क्योंकि मौजूदा कानूनों के तहत बाल श्रम पर पहले से ही प्रतिबंध है।
अब बिना रुके छह घंटे काम कर सकेंगे कर्मचारी
औद्योगिक दक्षता बढ़ाने के लिए स्वीकृत दैनिक कार्य घंटों को नौ से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है, जबकि साप्ताहिक कार्य सीमा 48 घंटे रखी गई है। बिना आराम के लगातार काम करने की अवधि को पांच घंटे से बढ़ाकर छह घंटे कर दिया गया है तथा कार्य का विस्तार 10.5 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है, जिससे कारखानों को अधिकतम मांग और परिचालन संबंधी आवश्यकताओं का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
ओवरटाइम करने पर डबल मिलेंगे पैसे
मुख्यमंत्री ने बताया कि संशोधन में प्रति तिमाही अनुमेय ओवर टाइम सीमा को 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे कर दिया गया है। सभी ओवरटाइम कार्य स्वैच्छिक रहेंगे, उनका उचित रूप से रिकॉर्ड रखा जाएगा तथा सामान्य मजदूरी दर से दोगुनी दर से मुआवजा दिया जाएगा, जिससे श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
छोटे अपराधों पर अब जेल की बजाय आर्थिक जुर्माना
हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश, 2025 अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों पर ही लागू होगा। 20 से कम कर्मचारियों वाली छोटी इकाइयों को केवल ऑनलाइन स्व-घोषणा (सेल्फ डिक्लेरशन) देनी होगी। पंजीकरण, संशोधन और बंद करने से संबंधित सभी कार्य पूरी तरह से एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होंगे। इससे हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम 2014 के तहत तेज, पारदर्शी और जवाबदेही सेवा सुनिश्चित होगी। संशोधन में मामूली प्रक्रियात्मक या आर्थिक अपराधों के लिए जेल की सजा के स्थान पर मौद्रिक दंड का प्रविधान किया गया है, जिससे छोटे व्यवसाय मालिकों को अपराधी बनाये बिना प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित हो सके।
संवेदनशील शासन हमारी नीति की नींव: मुख्यमंत्री
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि संवेदनशील शासन हमारी नीति की नींव है। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी निर्णय पारदर्शिता, संवेदनशीलता और सेवा भाव पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि हम जनता के हित में फैसले ले रहे हैं ताकि राज्य का हर नागरिक विकास की मुख्यधारा में आए। चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र का निवासी हो या शिक्षक या फिर किसी दुखद घटना से प्रभावित परिवार।

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