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    SYL Canal : दक्षिण हरियाणा के लिए जीवनदायिनी होगी एसवाईएल नहर ,नारनौल तक पहुंचेगा पानी

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2022 10:15 AM (IST)

    SYL Canal सतलुज यमुना संपर्क नहर बनने के बाद यह दक्षिण हरियाणा के लिए जीवनदायिनी की तरह होगी। इसका पानी भिवाानी दादरी महेंद्रगढ़ और नारनौल तक पहुंचेगा। इससे यह पूरा इलाका समृद्धि के नए अध्‍याय लिख सकता है।

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    एसवाईएल नहर दक्षिण हरियाणा के लिए जीवनदायिनी हो सकती है। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। SYL Canal :  सतलुज यमुना लिंक नहर (SYL Canal) निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दो दिन पहले दिए गए निर्देश से दक्षिण हरियाणा के लिए नई उम्‍मीद जगी है। यदि यह नहर बनी तो इसका पानी दक्षिण हरियाणा में समृद्धि के अध्‍याय की शुरूआत करेगा।  दरअसल एसवाईएल नहर दक्षिण हरियाणा के लिए जीवनदायिनी साबित होगी।

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    एसवाईएल निर्माण से दक्षिण हरियाणा के भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़,नारनौल तक पहुंचेगा पानी

    एसवाईएल नहर पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद सूखे से प्रभावित दक्षिणी हरियाणा को पर्याप्त पानी मिलने की आस जगी है। एसवाईएल नहर निर्माण संबंधी निर्णय को 37 साल का समय बीत गया है। यदि इस नहर का पानी 37 साल मिल गया होता तो दक्षिणी हरियाणा एनसीआर का सबसे समृद्ध क्षेत्र होता। देखा जाए तो एसवाईएल नहर दक्षिण हरियाणा के भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़,नारनौल क्षेत्र के लिए तो जीवनरेखा साबित होगी। 

    सिंचाई योग्य पानी की कमी के चलते शिक्षा पर निर्भर रहा दक्षिणी हरियाणा

    तमाम राजनीतिक प्रयासो के बावजूद जब दक्षिणी हरियाणा की उपजाऊ भूमि की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो यहां के मेहनतकश लोगों ने अपनी भविष्य की पीढ़ी को शिक्षित किया। मौजूदा दौर में यदि दक्षिण हरियाणा आर्थिक तौर पर अस्तित्व में है तो केवल शिक्षा के बूते है। पिछले आठ साल में केंद्र और राज्य की सरकार ने इस क्षेत्र को बेहतर सड़क कनेक्टिविटी देकर भी औद्योगिक विकास की राह पर ला खड़ा किया है। अन्यथा इससे पहले तो इस क्षेत्र के लोग पूरी तरह शिक्षा पर ही निर्भर थे।

    दो पीढ़ियां झेल रहीं एसवाईएल नहर का दर्द

    महेंद्रगढ़ जिला के नांगल चौधरी से भाजपा विधायक डाक्टर अभय सिंह यादव का कहना है कि दुर्भाग्यवश एसवाईएल नहर के मामले को जिस गंभीरता से हल किया जाना चाहिए था वह दिखाई नहीं देती। सुप्रीम कोर्ट के बार-बार निर्णय के उपरांत भी किसी न किसी बहाने नहर के निर्माण को टाला जा रहा है और दिनोंदिन मामला अधिक पेचीदा बनता जा रहा है। जब देश के शीर्ष न्यायालय का निर्णय सारे देश के लिए कानून बन जाता है तो एक बार निर्णय होने के उपरांत शीर्ष न्यायालय की सीधे दखल की अपेक्षा दक्षिणी हरियाणा की जनता सालों साल से कर रही है।

    दो पीढ़ियां तो सीधे तौर पर एसवाईएल नहर नहीं बनने का दर्द झेल रही हैं। इस नहर के नहीं बनने से ही दक्षिण हरियाणा के भिवानी, दादरी और महेंद्रगढ़ जिले औद्योगिक विकास से वंचित हैं। रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों की सिंचित भूमि का क्षेत्र 10 फीसद से कम है।

    क्षेत्र की पीढ़ियां एसवाईएल के निर्माण का इंतजार करते हुए चली गई हैं परंतु इस अति गंभीर मुद्दे का समाधान अनिश्चित रूप से लटका हुआ है। अब समय आ गया है कि शीर्ष अदालत इसमें पंजाब और हरियाणा सरकार के समझौते की बजाय अपने निर्णय के अनुसार सख्त फैसला दे।