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    पंचकूला में स्वच्छ भारत मिशन में करोड़ों का घोटाला, प्रदेशभर में खुल सकती हैं परतें, ईडी–इनकम टैक्स की एंट्री तय

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 12:35 PM (IST)

    पंचकूला में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है, जिसके बाद पूरे प्रदेश में जांच की आशंका बढ़ गई है। वित्तीय अनियमितताओं क ...और पढ़ें

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    इस मामले में पुलिस अब तक चार आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी।

    राजेश मलकानियां, पंचकूला। जिले में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत दी जाने वाली सरकारी ग्रांट में हुए बड़े घोटाले ने प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया है। लगभग 10 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी इस फर्जीवाड़े की राशि अब केवल पुलिस जांच तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इस मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) और आयकर विभाग की भी एंट्री होने जा रही है।

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    पुलिस विभाग जल्द ही दोनों एजेंसियों को औपचारिक रूप से पत्र भेजकर जांच आगे बढ़ाने की सिफारिश कर रहा है। माना जा रहा है कि यह मामला हरियाणा के अन्य जिलों में भी हुए कार्यों तक पहुंच सकता है, जिससे राज्य स्तर पर बड़ा खुलासा होना संभव है। इस मामले में अब तक 4 कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

    फर्जीवाड़े का खुलासा जिला परिषद में आने वाले फंड्स की ऑडिट और बैंक ट्रांजेक्शन की बारीकी से जांच के दौरान हुआ। शुरुआती शिकायत में जहां 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी सामने आई थी, वहीं पुलिस की गहन जांच में पता चला कि घोटाले की राशि बढ़कर 9.70 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। यह पूरा पैसा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत आए विभिन्न फंड्स को भेजे जाने वाले भुगतान से संबंधित बताया जा रहा है।

    सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में कान्ट्रैक्ट पर कार्यरत कर्मचारी दिनेश और गगनदीप गोयल ने मिलकर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर कई फर्जी फर्में बनाई थीं। इन्हीं फर्मों के खातों में सरकारी भुगतान को ट्रांसफर किया गया।

    बाद में यह रकम विभिन्न खातों में बांटकर छिपाने की कोशिश की गई। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि इन फर्जी फर्मों और एक निजी कंपनी में लगभग 20 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए, जबकि करीब 5 लाख रुपये सीधे आरोपितों के निजी खातों में गए।

    दोनों आरोपितों को पिछले दिनों गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था और 8 दिन का रिमांडा लिया गया था। बुधवार को पुन: इन्हें 4 दिन के और रिमांड पर ले लिया गया। पुलिस आरोपितों से उन लोगों की सूची भी निकाल रही है जिन्हें पैसा भेजा गया या जो इस नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।

    सूत्रों का दावा है कि यह घोटाला सिर्फ दो कर्मचारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा था, जिसने आफिस के अंदरूनी सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की राशि निकलवाई। पंचकूला की पुलिस उपायुक्त सृष्टि गुप्ता ने बताया कि मामले की गंभीरता और पैसों की बड़ी मात्रा को देखते हुए इसे उच्च स्तरीय जांच एजेंसियों को सौंपने का निर्णय लिया गया है।

    जैसे ही फंड ट्रेल और खातों का पूरा रिकॉर्ड ईडी तथा आयकर विभाग को दिया जाएगा, जांच राज्य के अन्य जिलों तक भी फैल सकती है। यदि अन्य जिलों में भी इसी तरह की गड़बड़ियां सामने आईं, तो यह हरियाणा का सबसे बड़ा फाइनेंशियल फ्राड बन सकता है। इस मामले में सरकारी कार्यालयों में बैठे कर्मचारियों द्वारा की गई हेराफेरी ने प्रशासनिक तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    स्वच्छ भारत मिशन जैसी राष्ट्रीय योजना के तहत इतनी बड़ी रकम की चोरी ने अब तक की सबसे बड़ी वित्तीय अनियमितताओं में से एक को उजागर कर दिया है। आगामी दिनों में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है, जबकि जांच एजेंसियों की एंट्री के बाद इस मामले का दायरा और भी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। पुलिस द्वारा नोटिस जारी किए गए हैं और उन्हें बुलाकर जांच की जा रही है।