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    हरियाणा CET के लिए अप्लाई नहीं कर पाए छात्रों को मिलेगा मौका? पोर्टल खोलने को लेकर हाई कोर्ट में याचिकाएं दर्ज 

    By DAYANANDEdited By: Prince Sharma
    Updated: Tue, 24 Jun 2025 07:31 PM (IST)

    हरियाणा में ग्रुप-सी पदों के लिए प्रस्तावित सीईटी परीक्षा विवादों में घिर गई है। तकनीकी समस्याओं और आवेदन के लिए कम समय मिलने के कारण कई उम्मीदवार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने आवेदन पोर्टल को दोबारा खोलने, पंजीकरण में सुधार करने का अवसर देने और आधार कार्ड व जाति प्रमाण पत्र संबंधी मुद्दों को हल करने की मांग की है। कुछ ने परीक्षा को एक ही शिफ्ट में कराने की भी अपील की है, ताकि नॉर्मलाइजेशन की समस्या से बचा जा सके। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 1 जुलाई को करेगा।  

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    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा में ग्रुप-सी पदों के लिए प्रस्तावित कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कहीं तकनीकी समस्याओं व परीक्षा के लिए आवेदन से वंचित रह गए उम्मीदवारों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं।

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    उन्होंने कोर्ट से गुहार लगाई है कि आवेदन पोर्टल को दोबारा खोला जाए और जिनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है, उन्हें उसमें सुधार करने का अवसर भी मिले। कहीं याचिका में आधार कार्ड के अनिवार्य कुछ अन्य शर्तों को भी चुनौती दी गई है।

    याचिका में तर्क दिया है कि रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित समय बेहद सीमित था और इस दौरान अनेक तकनीकी दिक्कतें सामने आईं। कुछ अभ्यर्थियों ने दावा किया है कि उन्होंने आरक्षण श्रेणी में पंजीकरण करने की कोशिश की, लेकिन सरल पोर्टल पर जाति प्रमाण पत्र समय पर नहीं बन पाने के कारण उन्हें मजबूरी में सामान्य श्रेणी में आवेदन करना पड़ा।

    अगर पोर्टल फिर से खोला जाए तो वे संशोधन कर वास्तविक श्रेणी का लाभ ले सकती हैं। एक अन्य याचिकाकर्ता  ने बताया कि जब उसने पोर्टल पर आवेदन करना चाहा, तो हर बार ओटीपी देर से आने के कारण वह प्रक्रिया पूरी नहीं कर सकी। उसने मांग की है कि जिन अभ्यर्थियों को तकनीकी बाधाओं के कारण आवेदन का मौका नहीं मिल सका, उनके लिए पोर्टल दोबारा खोला जाए ताकि वे परीक्षा में भाग लेने से वंचित न रह जाएं।

    याचिका में यह भी कहा गया है कि 2022 की सीईटी प्रक्रिया में पंजीकरण के लिए एक वर्ष से अधिक का समय दिया गया था, जबकि इस बार केवल 15 दिन का ही अवसर मिला है, जो न्यायसंगत नहीं है। इसी तरह, एक अन्य याचिकाकर्ता ने परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को चुनौती दी है।

    उनका कहना है कि जब परीक्षा एक से अधिक शिफ्टों में कराई जाती है, तो सभी परीक्षार्थियों को एक जैसी कठिनाई नहीं मिलती। इसलिए, यह सुनिश्चित किया जाए कि सीईटी परीक्षा केवल एक ही शिफ्ट में कराई जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर मेडिकल साइंसेज़ की परीक्षा के मामले में हुआ है।कोर्ट इस मामले की सुनवाई एक जुलाई को करेगा।