कांग्रेस में अनुशासन तोड़ने वालों को कड़ा संदेश, कार्रवाई में नहीं होगी रियायत; हरियाणा को पांच जोन में बांटा
हरियाणा कांग्रेस की अनुशासन समिति ने संगठन में अनुशासनहीनता रोकने के लिए आचार संहिता लागू की है। पूरे राज्य को पांच जोन में बांटकर कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया जाएगा। 28 अक्टूबर के बाद के मामलों पर विचार होगा, लेकिन पहले की शिकायतों पर भी सुनवाई हो सकती है। अनुशासन तोड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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कांग्रेस में अनुशासन तोड़ने वालों को कड़ा संदेश। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस की राज्य अनुशासन समिति ने संगठन में रहकर अनुशासन तोड़ने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए आचार संहिता लागू कर दी है। अनुशासन समिति ने पूरे राज्य को पांच जोन में बांटा है, जिनकी जोनवार अलग-अलग बैठकें होंगे और कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहकर पार्टी को मजबूत करने का पाठ पढ़ाया जाएगा।
अनुशासन समिति का गठन चूंकि 28 अक्टूबर को हुआ है, ऐसे में इस कमेटी के गठन के बाद के अनुशासनहीनता से जुड़े मामलों पर विचार किया जाएगा।
इस अवधि से पहले की गई अनुशासनहीनता पर यदि कोई नेता अथवा कार्यकर्ता लिखित में शिकायत करता है तो उस पर भी चर्चा संभव है। चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस कार्यालय में हुई अनुशासन समिति की पहली बैठक में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने का कड़ा संदेश दिया गया।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद धर्मपाल मलिक के नेतृत्व वाली अनुशासन समिति की बैठक में तय हुआ कि जिन मामलों का संबंध प्रदेश संगठन के अधिकार क्षेत्र में है, उन पर सुनवाई के बाद तुरंत निर्णय लिया जाएगा।
सांसदों, एआइसीसी सदस्यों और राष्ट्रीय पदाधिकारियों से जुड़े अनुशासनहीनता के मामलों में रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी। धर्मपाल मलिक ने कहा कि कांग्रेस का संविधान बहुत स्पष्ट है। प्रत्येक कांग्रेसी को पता है कि उसे क्या करना है और क्या नहीं करना है। फिर भी अगर कोई नियम तोड़ता है तो यह जानबूझकर किया गया कृत्य माना जाएगा।
अनुशासन समिति की बैठक के बाद अध्यक्ष धर्मपाल मलिक, सदस्य सचिव रोहित जैन, सदस्य अकरम खान, कैलाशो सैनी और अनिल धंतौड़ी ने संयुक्त रूप से बताया कि कांग्रेस में किसी भी नेता अथवा कार्यकर्ता को अनुशासन की लक्ष्मण रेखा पार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
कांग्रेस नेता चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, अगर उसने नियम तोड़े तो कार्रवाई तय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि 28 अक्टूबर से पहले के अनुशासनहीनता से जुड़े मामले में कमेटी स्वयं हस्तक्षेप की पहल नहीं करेगी। शिकायत आने पर ही ऐसे मामलों में सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा का इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल है, जिसमें वे अपने बेटे चाणक्य पंडित को लोकसभा का टिकट नहीं मिलने की स्थिति में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं।
धर्मपाल मलिक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अनुशासन कमेटी ने आने वाले दिनों में जिला व ब्लॉक स्तरीय बैठकें करने का निर्णय लिया है, ताकि निचले स्तर के धरातल पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी अनुशासन के प्रति जागरूक किया जा सके।
इन बैठकों में लोकल नेताओं को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठकों का सिलसिला जोनवार शुरू होगा। पहले सभी पांच जोन की बैठकें होंगे। उसके बाद जिला व ब्लॉक स्तरीय बैठकों का आयोजन किया जाएगा।
अनुशासन समिति ने इस तरह बनाए पांच जोन
- पहला जोन: पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व कैथल।
- दूसरा जोन: करनाल, पानीपत, सोनीपत व जींद।
- तीसरा जोन: गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह व पलवल।
- चौथा जोन: रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी व चरखी दादरी।
- पांचवां जोन: फतेहाबाद, हिसार व सिरसा।

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