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    हरियाणा के कॉलेजों में मंडरा रहा आवारा कुत्तों का खतरा, उच्चतर शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 01:37 PM (IST)

    हरियाणा के कालेजों और विश्वविद्यालयों में आवारा कुत्तों के विद्यार्थियों पर हमलावर होने की घटनाओं के बाद, उच्चतर शिक्षा विभाग ने सुरक्षा के लिए दिशा न ...और पढ़ें

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    हरियाणा के विश्वविद्यालयों में आवारा कुत्तों से विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने दिशा निर्देश जारी किए (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के कालेजों तथा विश्वविद्यालयों में घूमने वाले आवारा कुत्ते विद्यार्थियों पर हमलावर हो रहे हैं।

    विश्वविद्यालयों व कॉलेजों की ओर से यह समस्या सरकार तक पहुंची है, जिसके बाद उच्चतर शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों की आवारा कुत्तों से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

    उच्चतर शिक्षा विभाग ने कालेज व विश्वविद्यालयों के कैंपस में घूमने वाले आवारा कुत्तों से सुरक्षा को लेकर सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनुपालना रिपोर्ट मांगी है।

    उच्चतर शिक्षा निदेशालय की तरफ से इस संबंध में प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों तथा कालेज प्रबंधकों को एक पत्र जारी कर कहा गया है कि 25 नवंबर को सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को सुप्रीम कोर्ट का आदेश भेजा गया था, जिसमें आवारा कुत्तों से सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे।

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    अब 10 बिंदुओं पर आधारित एक्शन टेकन रिपोर्ट भिजवानी होगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्रों की सुरक्षा के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।

    निदेशालय ने संस्थानों से नोडल अधिकारी का नाम, पद, मोबाइल नंबर और ईमेल आइडी मांगी है। साथ ही पूछा गया है कि क्या मुख्य द्वार पर नोडल अधिकारी की जानकारी प्रदर्शित की गई है।

    इसके अलावा यह भी पूछा गया है कि क्या कैंपस को कुत्तों से सुरक्षित रखने के लिए बाउंड्री वाल, फेंसिंग या अन्य सुरक्षा उपाय पूरे किए गए हैं।

    विभाग ने यह भी जानना चाहा है कि क्या छात्रों को यह बताया गया है कि वे अपने आसपास कुत्तों के दिखने पर किस प्रकार का व्यवहार करें। सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों से विस्तृत रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

    उच्चतर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट भेजने में देरी या लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। रिपोर्ट पर असंतुष्ट होने के बाद विभाग द्वारा अपने स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।