बिना खुराक कैसे फतेह होगा मैदान? हरियाणा में खेल नर्सरियों की स्थिति चिंताजनक, खिलाड़ियों को डाइट मनी का इंतजार
हरियाणा में खेल नर्सरियों की स्थिति चिंताजनक है, जहाँ 18 जिलों के 28,242 खिलाड़ियों को महीनों से डाइट मनी नहीं मिली है। रोहतक, भिवानी, करनाल, हिसार और ...और पढ़ें
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9 महीने से अटकी खिलाड़ियों की डाइट मनी (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। हरियाणा में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए संचालित हो रही खेल नर्सरियों की स्थिति चिंताजनक है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के 18 जिलों में 1125 सरकारी और प्राइवेट खेल नर्सरियों में कुल 28,242 खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या 8 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और किशोरों की है, जो एथलेटिक्स, हाकी, फुटबाल, कुश्ती, वालीबाल, कबड्डी, बाक्सिंग सहित विभिन्न खेलों में नियमित प्रशिक्षण ले रहे हैं।
खिलाड़ियों को डाइट मनी का इंतजार
खिलाड़ियों की शिकायत है कि उन्हें कई महीनों से डाइट मनी महीनों से नहीं मिली है। कहीं दो महीने, तो कहीं सात से नौ महीने तक का भुगतान पेंडिंग में है। इससे मजबूर होकर खिलाड़ियों को पोषण, यात्रा और अभ्यास से जुड़े खर्च अपनी जेब से उठाने पड़ रहे हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि लगातार देरी से न केवल पोषण प्रभावित हो रहा है, बल्कि प्रतियोगिताओं की तैयारी पर भी असर पड़ रहा है।
क्या कहता है सरकारी नियम?
नियमों के अनुसार, आठ से 14 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को 1500 रुपये और 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग के खिलाड़ियों को 2000 रुपये प्रतिमाह डाइट मनी दी जाती है, ताकि प्रशिक्षण के दौरान पोषण और ऊर्जा की कमी न हो। डाइट मनी में देरी खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है। कई जिलों में निजी नर्सरियों से जुड़े प्रशिक्षकों के मानदेय का भुगतान भी अटका हुआ है।
इन जिलों के खिलाड़ी हो रहे प्रभावित
सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में रोहतक, भिवानी, करनाल, हिसार और सिरसा जैसे जिलों में आठ से नौ माह तक डाइट मनी लंबित रहने की स्थिति सामने आई है। कैथल और झज्जर में सात माह से भुगतान रुका है। यमुनानगर में मई के बाद से डाइट या छात्रवृत्ति नहीं मिली है। कुछ स्थानों पर न्यूनतम मानक पूरे न होने से नर्सरियों के संचालन पर संकट के संकेत मिल रहे हैं।
बजट स्वीकृति में देरी बन रही बाधा
खेल विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बजट स्वीकृति में देरी, ट्रेजरी आपत्तियां, बैंक खातों से जुड़ी तकनीकी खामियां और प्रशासनिक प्रक्रियाएं भुगतान में बाधा बनी हुई हैं। कुछ जिलों के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है, जबकि शेष के लिए वित्त विभाग से राशि की मांग की गई है। खेल विभाग का कहना है कि लंबित डाइट मनी के भुगतान की प्रक्रिया जारी है। औपचारिकताएं पूरी होते ही खिलाड़ियों के खातों में राशि भेजी जाएगी।

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