यमुनानगर में सोम नदी उफान पर, बाढ़ का खतरा, हिमाचल प्रदेश जाने वाला रास्ता बंद
यमुनानगर में भारी बारिश के कारण सोम नदी में जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। धनौरा पुल के ऊपर से पानी बह रहा है जिससे यातायात बाधित है। उत्तमवाला में चेक डैम टूटने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। काठगढ़ में एक मकान ढह गया है और कपालमोचन-साढौरा मार्ग पर जलभराव से लोगों को परेशानी हो रही है।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर व्यासपुर। मूसलाधार वर्षा से यमुनानगर में हरिपुर बरसाती खोल व सोम नदी उफान पर आ गई। सोम नदी में पांच दशक में सबसे अधिक 24100 क्यूसेक बहाव दर्ज किया गया, जबकि पिछले साल 21896 क्यूसेक बहाव दर्ज किया गया। नदी के उफान आने से गांव धनौरा के समीप पानी पुल के ऊपर से होकर गुजरा। जिसके आवागमन रूक गया। हिमाचल प्रदेश जाने वाला रास्ता बंद हो गया है।
उधर, घाड़ क्षेत्र के गांव उत्तमवाला के समीप कांडी परियोजना के तहत बने चेक डैम का तटबंध टूटने से गांव उत्तमवाला व पानीवाला में दो सौ एकड़ धान गन्ने व पशुओं की चारे की फसल में पानी प्रवेश कर गया। पहाडी क्षेत्रों में वर्षा के कारण सोम नदी के उफान होने के कारण गांव के समीप खेतों के समीप बने नदी के तटबंध कमजोर होने के कारण पानी के दबाव में टूट कर पानी खेतों की ओर रूख कर गया।
ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध के मरम्मत को लेकर कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन समय से मरम्मत न करवाने के कारण तटबंध टूट जाने से पानी खेतों की ओर प्रवेश कर गया। किसानों की गन्ने व धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने प्रदेश सरकार से तुरंत गिरदावारी करवा उचित मुआवजे की मांग की है।
30 से अधिक गांवों में भय का माहौल
सोम नदी के उफान पर आने से पास लगते करीब 30 से अधिक गांवों के रकबे में पानी प्रवेश करने का भय बन गया है। वहीं, गांव मलिकपुर बांगर के समीप सोम नदी का पानी दर्जनों किसानों की 700 एकड़ फसल में प्रवेश कर गया। किसानों का कहना है कि खेतों से पिछली बार का सोम नदी के उफान का पानी अभी पूरी तरह से नहीं सूखा था। दोबारा पानी आने से खेतों में तीन से चार फीट तक पानी जमा हो गया।
ग्रामीण कुलदीप कुमार, सौरभ, नरेश कुमार, सोमनाथ का कहना है कि सोम नदी के समीप उनके खेत लगते है। कई सालों से सोम नदी के उफान का पानी उनके खेतों में प्रवेश करता है। पिछले वर्ष भी सोम नदी के उफान का पानी खेताें में प्रवेश कर गया था जिसके कारण किसानों का भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा था सेामनदी का पानी खेतों से पूरा वर्ष नहीं निकला था।
नाले के पास बना मकान ढहा
भारी वर्षा के कारण बरसाती नदियों के साथ साथ बरसाती नाले भी उफान पर आ गए हैं। जिसके कारण गांव काठगढ़ में गांव के समीप वर्षा नाले के पास बने लछमी के घर में पानी प्रवेश कर गया। नाले के उफान के कारण पानी ने घर की दीवारों को गिरा दिया। घर का सारा सामान व खाने पीने का सामान खराब हो गया।
लछमी चंद के परिवार में पांच सदस्य है। वर्षा के कारण घर गिर जाने से परिवार के सिर से छत छिन गई है। जिसके कारण परिवार मानसिक परेशानी के दौर से गुजर रहा है। उनके मुताबिक परिवार मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करता है। महंगाई के दौर में परिवार का गुजारा बड़ी मुश्किल से चलता है।
सड़क पर जमा पानी आवाजाही बंद, 30 किमी का अतिरिक्त सफर
कपालमोचन से साढौरा को जाने वाली सड़क पर गांव ताहरपुर के समीप खेतों में पानी का मुख्य सड़क पर जलभराव होने के कारण आवाजाही बंद रही। आसपास के गांवों के लोगों केा साढौरा व व्यासपुर आने के लिए अतिरिक्त 30 किलोमीटर का सफर तय करके जाना पड़ा।
छोटा बस स्टेंड, चंदा खेडी मार्ग, छछरौली मार्ग पर जलभराव होने कारण लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सड़क पर तीस से चार फीट तक पानी भर जाने के कारण राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी निकासी को लेकर प्रशासन को समुचित प्रबंधन करना चाहिए ताकि आमजन को परेशानी का समाना न करना पड़े।
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