कोरोना मरीजों की तेज जांच की कोशिश को झटका, चीन के बाद कोरियाई कंपनी की टेस्ट किट भी फेल
कोरोना मरीजों की तेजी से स्क्रीनिंग की हरियाणा सरकार की कोशिशों को झटका लगा है। चीन के बाद अब दक्षिण कोरिया की कंपनी का किट भी फेल हो गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में कोराना के मरीजों को तेजी से तलाशने की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है। चीन की रैपिड जांच किटों के फेल होने के बाद दक्षिण कोरिया की कंपनी द्वारा निर्मित जिन किटों पर सरकार ने भरोसा जताया था, वह भी विफल साबित हुई हैं। इन रैपिड किट ने कई पॉजिटिव मरीजों को भी नेगेटिव दिखाया है जिसके बाद प्रदेश सरकार ने इन पर भी रोक लगा दी है। वहीं, गुरुग्राम की एसआरएल लैब पर भी कार्रवाई तय हो गई है, जिसके खिलाफ करनाल और सोनीपत मेडिकल कॉलेज के बाद अब रोहतक पीजीआइ ने भी नकारात्मक रिपोर्ट दी है।
कई पॉजिटिव मरीजों को रैपिड किट ने दिखाया नेगेटिव, सरकार ने लगाई रोक
दक्षिण कोरियाई कंपनी द्वारा मानेसर के आइटी पार्क में रैपिड किट से टेस्ट की मंजूरी केंद्र सरकार और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने भी दी थी। इसके बाद कंपनी ने प्रदेश सरकार को 380 रुपये की दर से 25 हजार किट की डिलीवरी कर दी थी, जबकि 75 हजार किट के ऑर्डर अभी पेंडिंग हैं।
गुरुग्राम की एसआरएल लैब पर भी कार्रवाई तय, रोहतक पीजीआइ ने दी नेगेटिव रिपोर्ट
इन रैपिड टेस्ट किट के नतीजे भी सही नहीं मिले हैं। इन किटों से प्रदेश में टेस्टिंग शुरू करने से पहले सरकार ने रैपिड किटों को कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर इस्तेमाल करने का फैसला लिया। इसके नतीजे सही नहीं मिले। पॉजिटिव मरीजों को रैपिड किट में नेगेटिव दिखाया गया। अधिकतर नतीजे ऐसे ही होने की वजह से सरकार ने फिलहाल इन किट्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इससे पहले केंद्र सरकार चीन की किट्स पर भी रोक लगा चुकी है।
उधर, गुरुग्राम की निजी लैब एसआरएल पर सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इस लैब ने अंबाला की नर्स सहित चार लोगों के सैंपल पॉजिटिव बताए थे, जबकि करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज और सोनीपत के खानपुर स्थित मेडिकल कॉलेज में इन सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव मिली। इसके बाद एसआरएल पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
मामले की और गहराई से जांच की मांग एम्स द्वारा ठुकराने के बाद रोहतक पीजीआइ में सैंपल भेजे गए थे। वहां की रिपोर्ट भी लैब के खिलाफ आई है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि लैब के साथ किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अध्ययन के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और आइसीएमआर से बात की जाएगी। लैब के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
चार नई लैब पर टिका भरोसा
चीन और दक्षिण कोरियाई कंपनी की जांच किटों के नतीजे फेल होने के बाद अब प्रदेश सरकार ने चार नई लैब खोलने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इससे कोरोना के सैंपल लेने की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी। प्रदेश की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सिरसा, अंबाला, पानीपत और गुरुग्राम के जिला अस्पतालों में लैब की मंजूरी के लिए पत्र भेजा गया है।
वर्तमान में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, खानपुर मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ (मेवात) मेडिकल कॉलेज व पीजीआइ रोहतक की लैब में सैंपलों की जांच हो रही है। गुरुग्राम में पांच प्राइवेट लैब को भी मंजूरी दी गई है जिनमें से एक एसएलआर पर प्रतिबंध लगाया जा चुका। बाकी सभी लैब में सैंपल की जांच चल रही है।
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