छुट्टी से लौटकर DGP के पद पर ही ज्वाइन करेंगे शत्रुजीत कपूर, हरियाणा सरकार के पैनल को UPSC ने लौटाया
केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने हरियाणा सरकार द्वारा भेजे गए डीजीपी के पैनल को आपत्तियों के साथ लौटा दिया है, जिसमें शत्रुजीत कपूर का नाम भी है। आयोग का कहन ...और पढ़ें

शत्रुजीत कपूर के नाम पर फैसला लेने के बाद नए सिरे से जाएगा पुलिस महानिदेशक का पैनल।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने पुलिस महानिदेशक के लिए भेजे गये हरियाणा सरकार के पैनल को कुछ विशेष आपत्तियों और सुझाव के साथ वापस लौटा दिया है। इस पैनल में अवकाश पर चल रहे पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर का नाम भी शामिल है। उनकी दो माह की अवकाश अवधि 14 दिसंबर को खत्म हो रही है।
केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने कहा है चूंकि शत्रुजीत कपूर अभी राज्य के पुलिस महानिदेशक हैं और अवकाश से लौटने के बाद वे इसी पद पर ज्वाइन करेंगे, ऐसे में सरकार को यह तय करना है कि कपूर को आगे पुलिस महानिदेशक के पद पर रखना है या नहीं अथवा उन्हें किसी दूसरे पद पर स्थानांतरित किया जाना है।
आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर किसी विवाद से बचने के लिए दो माह के अवकाश पर चले गये थे। तब राज्य सरकार ने ओपी सिंह को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक बनाया था। कपूर के अवकाश को लेकर राजनीतिक गलियारों में दो तरह की चर्चाएं हैं।
पहली तो यह कि सरकार ने उन्हें अवकाश पर भेजा, दूसरी यह कि कपूर स्वयं अवकाश पर गये। तकनीकी रूप से कपूर को फोर्स लीव (जबरन छुट्टी) पर नहीं भेजा गया, लेकिन सरकार के कहने पर वे स्वयं ही अवकाश पर गये हैं। ऐसे में उनका अवकाश से लौटने के बाद पुलिस महानिदेशक के पद पर दोबारा कार्यभार ग्रहण करना स्वाभाविक है।
मौजूदा कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह इसी साल 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं, जबकि शत्रुजीत कपूर की रिटायरमेंट 31 अक्टूबर 2026 को है। कपूर के छुट्टी पर जाने के बाद चंडीगढ़ पुलिस अभी तक वाई पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े मामले में जांच पूरी नहीं कर पाई है। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी के हाथ ऐसे सुराग लगे हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि वाई पूरन कुमार के एक नहीं बल्कि तीन सुसाइड नोट थे, जिन्हें उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि अलग-अलग बार इस्तेमाल करना चाहा।
ऐसे में एसआईटी असमंजस में है कि वाई पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़ा मामला सिर्फ हरियाणा के डेढ़ दर्जन आईपीएस व आईएएस अधिकारियों को लपेटे में लेने से ही जुड़ा है। इस केस में कई तरह के झोल बताए जा रहे हैं, जिनका खुलासा अभी तक चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी नहीं कर पाई है।
केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने हरियाणा सरकार को वापस पैनल भेजते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस के मुताबिक राज्य सरकार को वैकेंसी की पूर्व अनुमानित स्थिति में पुलिस महानिदेशक के नाम के लिए प्रस्ताव भेजना चाहिए, लेकिन शत्रुजीत कपूर केवल अवकाश पर हैं और कभी भी वापस ज्वाइन कर सकते हैं, इसलिए राज्य में फिलहाल डीजीपी का पद खाली ही नहीं है।
प्रशासनिक गलियारों में चर्चा है कि यदि कपूर डीजीपी नहीं बने रहे तो उनके स्थान पर अजय सिंघल या आलोक मित्तल को नया डीजीपी बनाया जा सकता है। हरियाणा सरकार की ओर से केंद्रीय लोक सेवा आयोग को जिन पांच आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल भेजा गया था, उनमें शत्रुजीत कपूर, ओपी सिंह, एसके जैन, अजय सिंघल, आलोक मित्तल और अरशिंद्र सिंह चावला के नाम बताए जाते हैं।
केंद्रीय लोक सेवा आयोग की ओर से वापस भेजे गये प्रस्ताव के बाद हरियाणा सरकार की ओर से नये सिरे से पैनल भेजने से पहले शत्रुजीत कपूर को लेकर फैसला लेना होगा कि उन्हें डीजीपी के पद पर बरकरार रखना है अथवा कोई दूसरा दायित्व सौंपना है, लेकिन यह तय हो गया है कि अवकाश से लौटने के बाद कपूर पुलिस महानिदेशक के पद पर ही ज्वाइन करेंगे।

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