नायब कैबिनेट की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा, 6 जिलों की तहसीलों में गांवों की अदला-बदली समेत कई प्रस्तावों पर लगेगी मुहर
हरियाणा मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें तहसीलों का पुनर्गठन, विधायकों के आवास भत्ते में संशोधन, और विधानसभ ...और पढ़ें
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हरियाणा मंत्रिमंडल की कल होने वाली बैठक में लगेगी कई प्रस्तावों पर मुहर।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा मंत्रिमंडल की सोमवार को होने वाली बैठक में करीब दो दर्जन मुद्दों पर चर्चा होगी। जिला महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल, रेवाड़ी, यमुनानगर, फरीदाबाद, सिरसा और जिला झज्जर के गांवों को एक उप तहसील व तहसील से निकालकर दूसरी उप तहसील व तहसीलों में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्रदान की जाएगी।
इसी बैठक में विधायकों के विभिन्न राज्यों के दौरों पर जाने के दौरान निजी आवास (होटल) किराये पर लेने की संशोधित दरों को मंजूरी प्रदन की जाएगी। यह पांच हजार रुपये प्रतिदिन हो सकती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को दोपहर 12 बजे होने वाली बैठक में विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तरीख भी तय किए जाने की संभावना है।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 दिसंबर से आरंभ हो सकता है, जो 30 या 31 दिसंबर तक चलने की संभावना है। मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मोटर वाहन नियमों में बदलाव होगा। इसके तहत राज्य सरकार पर्यटन परमिटों के अंतर्गत संचालित पर्यटन वाहनों के संचालन की आयु निर्धारित करेगी। इससे सड़क दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी।
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 में संशोधन किया जाएगा, जिसके माध्यम से एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक पेश किया जाना है। यह विश्वविद्यालय गुरुग्राम के सेक्टर 68 में खुलेगा और इसका नाम डिजाइन, नवाचार और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है।
बता दें कि इसी अधिनियम के माध्यम से पिछली हुड्डा सरकार ने साल 2013 में 17 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी प्रदान की थी। आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में सामने आई फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी को भी इसी अधिनियम में संशोधन के तहत मंजूरी मिली थी।
मंत्रिमंडल की बैठक में वर्तमान में दोनों नगर निकाय अधिनियमों, हरियाणा नगरपालिका अधिनियम 1973 (24) और हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 (16) का निरसन तथा हरियाणा नगर निकाय अधिनियम 2025 की प्रस्तावना पर विचार किया जाएगा। यानी दोनों पुराने अधिनियमों को निरस्त कर राज्य सरकार इन्हें मिलाकर एक नया अधिनियम बनाने जा रही है, जिसके अंतर्गत कालोनियों और औद्योगिक भूखंडों के विकास के प्रस्ताव हैं।

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