पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक व यमुनानगर नगर निगमों में सीनियर डिप्टी मेयरों की चयन प्रक्रिया शुरू
Municipal corporation elections in Haryana हरियाणा के पांच नगर निगमों पानीपत करनाल हिसार रोहतक व यमुनानगर में डिप्टी मेयरों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चुनाव मेयर के चुनावों के दो वर्ष के बाद हो रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के पांच नगर निगमों में मेयर के पहली बार हुए डायरेक्ट चुनाव के करीब दो साल बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सलाह मशविरा कर करनाल, यमुनानगर, हिसार, पानीपत और रोहतक में सीनियर डिप्टी मेयर तथा डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं।
दो मंत्रियों कंवरपाल गुर्जर और मूलचंद शर्मा, एक पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, एक विधायक महीपाल ढांडा तथा पार्टी के मौजूदा महामंत्री वेदपाल एडवोकेट को पांचों नगर निगमों में चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्षदों के जरिये सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना है।
पानीपत, करनाल, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में पहली बार हुए मेयर के डायरेक्ट चुनाव में भाजपा ने क्लीन स्विप किया था। पार्टी के सभी मेयर प्रत्याशी विजयी रहे। पानीपत में अवनीत कौर सर्वाधिक 74 हजार 940 वोट के अंतर से चुनाव जीती थी। अवनीत कौर सबसे युवा व हरियाणा की दूसरी सबसे कम उम्र की महिला मेयर हैं। इनसे पहले 2013 में रोहतक में रेनू डाबला कम उम्र में मेयर चुनी गई थीं। इन पांचों निगमों में दूसरी बार हुए चुनावों में 110 वार्डों में से 63 पार्षद भाजपा के बने थे। पानीपत में 26 में से 22 वार्डों में भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि रोहतक व हिसार में कांग्रेस नेताओं के जिन वार्डों में घर है, उनमें भी भाजपा ने जीत हासिल कर ली थी।
करनाल के लिए शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर, पानीपत के लिए परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा, रोहतक के लिए विधायक महीपाल ढांडा, हिसार के लिए पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर तथा यमुनानगर के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री वेदपाल एडवोकेट को पर्यवेक्षक बनाया गया है। बरोदा में भाजपा-जजपा गठबंधन की हार के बाद अब पार्टी पांचों नगर निगमों में सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव कराने को लेकर न केवल गंभीर है, बल्कि इन पदों पर अपनी पार्टी के पार्षदों को काबिज कराने की रणनीति में जुटी है। तभी पार्टी के प्रमुख नेताओं को इसका दायित्व सौंपा गया है। नगर निगमों के चुनाव में तब सीएम मनोहर लाल ने खुद मोर्चा संभाल रखा था। इस बड़ी जीत से उन्होंने अपनी ताकत दिखा दी थी। यह चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण थे, क्योंकि इनका असर 15 विधानसभा और 4 लोकसभा सीटों पर नजर आया।
पानीपत नगर निगम
अवनीत कौर (27), वोट: 1,26321
शिक्षा: कंपनी सेक्रेटरी, फाउंडेशन एक्जीक्यूटिव
अंशु कौर पाहवा 51,381 (कांग्रेस समर्थित)
जीत का अंतर 74,940 वोट
करनाल नगर निगम
रेणु बाला (49 वर्ष)
वोट: 69,960
शिक्षा : बीए
आशा वधवा 60,612 (इनेलो-बसपा व कांग्रेस समर्थित)
जीत का अंतर 9,348 वोट
हिसार नगर निगम
गौतम सरदाना (46 वर्ष)
वोट: 68,196
शिक्षा : बी.कॉम
रेखा ऐरन 40,105 (कांग्रेस समर्थित)
जीत का अंतर 28,091 वोट
रोहतक नगर निगम
मनमोहन गोयल (68) वोट: 65,822
शिक्षा: बीए
सीताराम सचदेवा 51,040 (कांग्रेस समर्थित)
जीत का अंतर 14,776 वोट
यमुनानगर नगर निगम
मदन चौहान
(53 वर्ष) वोट: 91,642
शिक्षा : 10वीं
राकेश शर्मा 50,964 (कांग्रेस समर्थित)
जीत का अंतर 40,678 वोट
भाजपा की जीत के 3 बड़े कारण
1. मेयर के डायरेक्ट चुनाव
2. सिंबल पर चुनाव लड़ना
3. उस समय विपक्ष की टूट-फूट
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