संत रामपाल को HC से बड़ी राहत, लंबित आपराधिक अवमानना याचिका का निपटारा; माफी को कोर्ट ने किया स्वीकार
कथित संत रामपाल को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है उनके खिलाफ लंबित अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया गया। रामपाल ने बिना शर्त माफी मांगी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने रामपाल की उम्र और कारावास को देखते हुए यह फैसला लिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि भविष्य में अवमानना होने पर गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी। रामपाल 2014 से जेल में बंद है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हाईकोर्ट की अवमानना का सामना कर है कथित संत रामपाल को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है।
हाईकोर्ट के जस्टिस एचएस सेठी और जस्टिस विकास सूरी की खंडपीठ ने रामपाल के खिलाफ लंबित आपराधिक अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया। कोर्ट ने यह फैसला कथित संत रामपाल द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे को देखते हुए किया, जिसमें उन्होंने बिना किसी शर्त के माफी मांगी थी।
कोर्ट ने अपने आदेश में रामपाल के हलफनामे की सामग्री को देखते हुए कहा कि उनकी उम्र (75 वर्ष) और 2014 से लगातार कारावास को ध्यान में रखते हुए यह मामला समाप्त किया जा रहा है। साथ ही, खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में यदि संत रामपाल या उनके अनुयायी किसी भी प्रकार का ऐसा कार्य करते हैं जिसे अदालत की अवमानना माना जा सके, तो उस पर गंभीर दृष्टि से विचार किया जाएगा।
रामपाल ने अपने वकील अर्जुन श्योराण के माध्यम से पेश हलफनामे में कहा कि वह व उसके साथी अपना अपना दोष स्वीकार करने को तैयार हैं उनको घटना पर पछतावा है और वे भविष्य में किसी भी परिस्थिति में इस तरह की गलती दोहराने का साहस नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अदालत और उसके आदेशों की गरिमा का सम्मान करेंगे।
ज्ञात रहे कि हाई कोर्ट ने न्यायपालिका के खिलाफ राम पाल व उसके साथियों के रवैये पर कड़ा रुख अपनाते हुए संज्ञान लेकर 2014 में अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी। तब से राम पाल जेल में बंद है। 2014 में जब पुलिस राम पाल को गिरफ्तार करने गई तो उसने अपनी गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में भक्तों को इकट्ठा किया।
उसकी गिरफ्तारी के दौरान हिंसक झड़प हुई थी । राम पाल के खिलाफ 2014 में एक और एफआईआर दर्ज की गई। एफआईआर के अनुसार, राम पाल ने लगभग 600-700 महिलाओं और बच्चों को मुख्य द्वार के बाहर बैठा दिया और 1500-2000 युवा लाठी, बम और बंदूक लेकर आश्रम की छत पर तैनात थे। जब पुलिस ने लाउडस्पीकर पर घोषणा की कि गिरफ्तारी वारंट हैं तो राम पाल के सहयोगियों ने आश्रम के बाहर डीजल और पेट्रोल के केन वाले लोगों को बैठा दिया, जो पुलिस को धमकी दे रहे थे कि वे राम पाल को गिरफ्तार नहीं होने देंगे और पुलिस को ऐसा करने के लिए उनके शवों के ऊपर से गुजरना पड़ेगा।
ट्रायल कोर्ट रामपाल को दो अलग-अलग आरोपों में हत्या का दोषी ठहराया चुका है जिस पर पिछले दिनों हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए उनको जमानत देने का आदेश दिया था। हालांकि राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में वह अभी जेल में बंद है।
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