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    मनीषा की मौत पर विधानसभा में हंगामा, 6 बार स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही; CM नायब और भूपेंद्र हुड्डा आमने-सामने

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 08:56 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा में भिवानी हत्याकांड और राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को भारी हंगामा हुआ। विपक्षी कांग्रेस विधायकों के काम रोको प्रस्ताव पर अड़े रहने से सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तीखी बहस हुई।

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    मनीषा की मौत पर विधानसभा में जबरदस्त हंगामा। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भिवानी के गांव ढाणी लक्ष्मण की महिला शिक्षक मनीषा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत और कानून व्यवस्था को लेकर विधानसभा में शुक्रवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। मानसून सत्र के पहले ही दिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक इतने हमलावर हुए कि हरियाणा विधानसभा के इतिहास में पहली बार कार्यवाही को छह बार स्थगित करना पड़ा।

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    कानून व्यवस्था पर सबसे पहले काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर अड़े कांग्रेसी विधायक नारेबाजी के साथ नारे लिखे पर्चे लहराते हुए चार बार विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आमने-सामने हो गए, जिसके बाद दोनों तरफ से खूब आरोप-प्रत्यारोप चले।

    हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन घंटे के लिए पूरी तरह ठप रही। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विधानसभा अध्यक्ष ने संयम दिखाते हुए मामला संभाला और सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस का ‘काम रोको प्रस्ताव’ स्वीकार कर लिया गया।

    सत्र की शुरुआत दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने से हुई। इसके तुरंत बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू होना था, कांग्रेस विधायक अपनी सीटें छोड़कर खड़े हो गए। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की तख्तियां लहराई गईं और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई।

    कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने नियम 66 का हवाला देते हुए तत्काल चर्चा की मांग रखी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियों की हत्याएं हो रही हैं। ऐसे में कैसे सदन चलेगा। इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान भी ऐसी कई बड़ी घटनाएं हुई थीं।

    उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा रही है, जबकि उनके शासनकाल में तो अपराध अपने चरम पर था। हम पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने ‘अपना घर कांड’ को उठाते हुए भी विपक्ष को घेरने की कोशिश की।

    उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर प्रश्नकाल में विस्तृत चर्चा हो सकती है, लेकिन विपक्ष हंगामा करके केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहता है।

    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री की बातों का जवाब देते हुए कहा कि “हरियाणा में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, और सरकार पूरी तरह असफल हो चुकी है। भिवानी की मनीषा हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है।

    कांग्रेस चाहती थी कि इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत चर्चा हो, लेकिन सरकार टालमटोल करती रही। मजबूरन हमें सदन में हंगामा करना पड़ा।” हंगामा बढ़ने पर विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण को बार-बार कार्यवाही रोकनी पड़ी। भाजपा और कांग्रेस विधायकों के बीच तीखी नारेबाजी हुई।

    सर्वदलीय बैठक भी रही तनावपूर्ण

    स्थिति संभालने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी, संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला और निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल शामिल हुए। बैठक के दौरान भी विपक्ष ने तेवर ढीले नहीं किए।

    काम कर गया कांग्रेस का दबाव

    सदन में जब हालात काबू से बाहर होने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस का काम रोको प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इसके बाद विपक्ष शांत हुआ। इसके बाद कुछ कागजी कार्य निपटाने की औपचारिकता निभाते हुए सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई।

    पहले ही दिन के घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि विधानसभा सत्र और ज्यादा टकराव भरा रहने वाला है।