Updated: Fri, 06 Jun 2025 10:11 PM (IST)
हरियाणा में अवैध कॉलोनियों और नोटिफाइड क्षेत्रों में रजिस्ट्री के लिए डीटीपी से एनओसी अनिवार्य किया गया है। नियमों के उल्लंघन पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। वित्तायुक्त राजस्व ने सभी उपायुक्तों को नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। भूमि पंजीकरण प्रक्रिया में एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शहरों में अवैध कालोनियों व हरियाणा विकास एवं शहरी क्षेत्रों के विनियमन की धारा 7ए के तहत अधिसूचित क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री के लिए जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना जरूरी है। इसके बावजूद अधिकतर तहसीलों में डीटीपी से एनओसी लिए बगैर धड़ल्ले से रजिस्ट्रियां हो रही हैं।
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इसे गंभीरता से लेते हुए प्रदेश सरकार ने दोषी अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी कर ली है। वित्त आयुक्त राजस्व एवं गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि संपत्ति विलेखों के पंजीकरण से संबंधित नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
सरकार के पास रिपोर्ट पहुंची है कि कई क्षेत्रों में उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक धारा-7ए के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
कुछ मामलों में पंजीकरण अधिकारी अधिसूचित शहरी क्षेत्रों में बिक्री, पट्टे या उपहार विलेखों को पंजीकृत करने से पहले संबंधित जिला नगर योजनाकार से अनिवार्य अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त करने में विफल रहे हैं, जो कानून के तहत स्पष्ट रूप से अनिवार्य है।
वित्तायुक्त राजस्व ने कहा कि जमीन की पंजीकरण प्रक्रिया में एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य है। प्रदेश सरकार नियमों के उल्लंघन को लेकर गंभीर है। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिनियम की धारा 7-ए का पालन करने में किसी भी तरह की कोताही करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने उपायुक्तों को इस प्रविधान का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने और यह निगरानी करने का निर्देश दिया है कि उनके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत सभी उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करें।
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