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    'हमारा आदमी-तुम्हारा आदमी नहीं चलेगा', हरियाणा में कांग्रेस संगठन बनाने के लिए राहुल गांधी का कड़ा संदेश

    Updated: Wed, 04 Jun 2025 06:30 PM (IST)

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को एकजुट होने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि संगठन निर्माण में गुटबाजी नहीं चलेगी। राहुल गांधी ने जिला स्तर पर संगठन बनाने पर जोर दिया और पर्यवेक्षकों को निष्पक्ष रहने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाध्यक्षों के चयन प्रक्रिया को 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

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    चंडीगढ़ में हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं के साथ संगठन सृजन पर बातचीत करते राहुल गांधी। (फोटो- जागरण)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुटबाजी में फंसे हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं को एकजुटता का कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संगठन बनाने में हमारा आदमी-तुम्हारा आदमी नहीं चलेगा। कांग्रेस की प्राथमिकता अगले एक माह के भीतर जिला स्तर का संगठन बनाने की है।

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    कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को इसमें हर हाल में सहयोग करना होगा। राहुल गांधी ने न तो लोकसभा चुनाव में टिकटों के आवंटन में गड़बड़ी पर बात की और न ही विधानसभा चुनाव में हार के कारणों पर कोई चर्चा की।

    राहुल का पूरा फोकस सिर्फ संगठन बनाने की प्रक्रिया समझाने पर रहा। राहुल ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों से कहा कि वे न तो किसी नेता से डरें और न ही किसी के प्रभाव में आएं, सिर्फ संगठन बनाने का अपना काम निर्धारित समय अवधि में पूरा करें।

    राहुल गांधी ने हरियाणा के कांग्रेस नेताओं से स्पष्ट कहा कि वे संगठन बनाने में केंद्रीय पर्यवेक्षकों का सहयोग करें। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तरफ से ऐसी कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए कि हरियाणा के नेताओं ने उनका सहयोग नहीं किया।

    उन्होंने केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों को भी स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि यदि जिलों के दौरे के दौरान उनकी कोई शिकायत आई तो कड़ी कार्रवाई होगी। उन्हें नेताओं व कार्यकर्ताओं के घर जाने से परहेज करना चाहिए। सिर्फ फील्ड में काम करने पर उनका ध्यान रहे।

    राहुल गांधी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों से कहा कि वे प्रत्येक जिले का दौरा करें, जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालयों में जाएं। दो चरण में इस दौरे को पूरा करें। पहले चरण में तीन से चार दिनों तक जिलों में रहकर कांग्रेस के सभी नेताओं से बात करें और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन प्राप्त करें।

    दूसरे चरण के दौरे में आवेदन मिलने के बाद उन नामों पर जिले से संबंधित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करें। जितने भी आवेदन जिलाध्यक्ष पद के लिए आएं, उनमें से छह नामों का पैनल तैयार करें, जिसके आधार पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व एक नाम की घोषणा करेगा। पैनलों में एससी-बीसी समाज के नेताओं के साथ महिलाओं के नाम शामिल किए जाएं।

    डॉ. अशोक तंवर और बीरेंद्र सिंह पर राहुल गांधी की निगाह

    राहुल गांधी ने इससे पहले हरियाणा के 18 वरिष्ठ नेताओं के साथ करीब दो घंटे तक बातचीत की। उसके बाद केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की। 18 नेताओं में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. अशोक तंवर का नाम ऐन वक्त पर जोड़ा गया था। केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों की बैठक में भी हरियाणा के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।

    पर्यवेक्षकों की बैठक के दौरान केंद्रीय नेताओं के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा, चौधरी उदयभान, कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, धर्मपाल सिंह मलिक व डॉ. अशोक तंवर सहित कई वरिष्ठ नेता मुख्य मंच पर राहुल के साथ बैठे। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह नीचे पर्यवेक्षकों के साथ बैठे थे।

    राहुल गांधी ने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर इशारा किया। वेणुगोपाल ने बीरेंद्र सिंह को मुख्य मंच पर बुलाया। इस बातचीत के दौरान हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रफुल्ल गुडधे भी शामिल रहे।

    बगल के जिले में न झांके और न उनके नेताओं से बात करें

    राहुल गांधी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को समझाया कि वे किसी भी नेता के दबाव में न आएं। केंद्रीय पर्यवेक्षकों में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सांसद, पूर्व सांसद, प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्तर के नेता शामिल हैं, जिन्हें अपने-अपने राज्यों में काम करने का लंबा अनुभव हासिल है।

    उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस पर्यवेक्षकों को सिर्फ अपने जिले के नेताओं की बात सुननी है। उन्हें बगल के जिले में न तो झांकना है और न ही उस जिले के किसी नेता से बात करनी है। अपनी निष्पक्ष और गुटबाजी रहित रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंचाएं, जिसके आधार पर 30 जून तक जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है।

    कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने संकेत दिए हैं कि यदि किसी कारण से जिलाध्यक्षों के चयन में देरी हुई तो इसे 15 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। जिलाध्यक्षों के बाद ब्लाक और फिर प्रदेश संगठन का निर्माण होगा।