'एक आखिरी मौका दे रहे हैं...' जुड़वा बच्चों को लेकर सख्त हुआ हाई कोर्ट, माता-पिता को दी चेतावनी; क्या है मामला?
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जुड़वा नाबालिग बच्चियों की पढ़ाई के मामले में माता-पिता को कड़ी चेतावनी दी है। अदालत ने कहा कि आदेशों की अवहेलना पर सख्त कार्यवाही की जाएगी, जिसमें बैंक खाते फ्रीज करना और वेतन से राशि काटना शामिल है। कोर्ट ने पाया कि बच्चियों को बोर्डिंग स्कूल में दाखिला कराने के बावजूद वहां नहीं भेजा गया और फीस भी जमा नहीं की गई। माता-पिता को अंतिम मौका दिया गया है।

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जुड़वा नाबालिग बच्चियों की पढ़ाई और बोर्डिंग से जुड़ी अपनी स्पष्ट हिदायतों की बार-बार अनदेखी करने पर उनके माता-पिता को कड़ी चेतावनी दी है।
अदालत ने साफ कहा कि अब किसी भी तरह की अवहेलना हुई तो अवमानना कार्यवाही, बैंक खाते फ्रीज करने और वेतन से राशि काटकर सीधे स्कूल को भेजने जैसे कदम उठाए जाएंगे।
मामला उस समय गंभीर हो गया, जब जस्टिस संजय वशिष्ठ ने नोट किया कि गुरुग्राम के जिस बोर्डिंग स्कूल में बच्चियों का दाखिला कराया गया था, वहां उन्हें एक दिन भी नहीं भेजा गया। अदालत ने पहले ही बच्चियों को माता-पिता के विवाद से होने वाले मानसिक दबाव से बचाने के लिए बोर्डिंग में रखने का निर्देश दिया था।
इसके बावजूद न तो फीस जमा की गई, न ही बच्चियां स्कूल पहुंचीं। कोर्ट ने माता-पिता को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। उन्होंने बताया कि बच्चियों का दाखिला हो गया है, लेकिन चंडीगढ़ न पहुंच पाने का बहाना बनाकर हलफनामा दाखिल नहीं किया।
सुनवाई 17 नवंबर तक टाल दी गई थी लेकिन उस दिन भी हलफनामा अदालत में नहीं था। जांच से पता चला कि 16 अक्टूबर को दाखिला पूरा करने के बाद भी फीस नहीं भरी गई और बच्चियों को पिता अपने पास ही रखे हुए हैं।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि दोनों याचिकाकर्ताओं का रुख स्पष्ट रूप से अदालत के आदेशों की जानबूझकर अनदेखी दर्शाता है, जो अवमानना के बराबर है। उन्होंने कहा कि अदालत चाहती तो सख्त कदम उठाए जा सकते थे, लेकिन बच्चियों के हित में फिलहाल ऐसा नहीं किया गया। कोर्ट ने माता-पिता को “एक आखिरी मौका” देते हुए कहा कि 29 नवंबर तक सभी बकाया फीस जमा करें और एक दिसंबर से बच्चियों को बोर्डिंग सुविधा में भेजें।

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