'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के आरोपी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दी जमानत, 6 महीने से जेल में था बंद
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के आरोप में गिरफ्तार आमीन को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि धारा 152 के तहत अपराध बनता है या नहीं, यह ट्रायल के दौरान तय होगा। शिकायतकर्ता ने युद्ध जैसी स्थिति में नारा लगाने का आरोप लगाया था, जिसे देशद्रोह बताया गया था। कोर्ट ने आमीन को नियमित जमानत दी, क्योंकि वह छह महीने से जेल में है और किसी अन्य मामले में शामिल नहीं है।

'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के आरोपी को हाईकोर्ट से मिली जमानत। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाने के आरोप में गिरफ्तार आमीन को नियमित जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 152 के तहत अपराध बनता है या नहीं, यह सवाल ट्रायल के दौरान सबूतों के आधार पर तय किया जाएगा।
जस्टिस राजेश भारद्वाज ने कहा कि आरोपों की सच्चाई का आकलन तभी किया जा सकता है, जब दोनों पक्षों के साक्ष्य ट्रायल कोर्ट में पेश हो जाएंगे। आमीन ने थाना पिंजौर जिला पंचकूला में दर्ज एफआईआर 184/2025 के मामले में नियमित जमानत की मांग की थी। उस पर धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ कथन के तहत मुकदमा दर्ज था। आमीन 10 मई 2025 से जेल में था।
शिकायतकर्ता नितीश कुमार ने आरोप लगाया था कि भारत-पाक युद्ध जैसी स्थिति के दौरान आमीन ने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' का नारा लगाया, जिसे उन्होंने देशद्रोह जैसा कृत्य बताया। पुलिस ने इसकी जांच कर चालान दाखिल कर दिया था। इससे पहले 13 अगस्त 2025 को सत्र अदालत ने आमीन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि मामला राजनीतिक रंजिश से प्रेरित है, क्योंकि शिकायतकर्ता 'भारतीय किसान संघ' से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि एफआईआर पढ़ने भर से धारा 152 लागू नहीं होती और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देकर इस तरह के भाषण पर मुकदमे की वैधता पर सवाल उठाए। साथ ही बताया कि आमीन के खिलाफ कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है और जांच पूरी हो चुकी है।
राज्य की ओर से दलील दी गई कि जांच में आरोपों की पुष्टि हुई है और ये कथित नारे युद्धकाल जैसी संवेदनशील स्थिति में लगाए गए थे, इसलिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
कोर्ट ने देखा कि आमीन छह महीने 11 दिन से जेल में है और किसी अन्य आपराधिक मामले में शामिल नहीं है। अदालत ने कहा कि मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा, क्योंकि यह सब ट्रायल के दौरान तय किया जाएगा। इन परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने उसे नियमित जमानत दे दी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।