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    पंजाब-हरियाणा HC हरियाणा में मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों की धीमी जांच पर नाराज, NDPS केसों में गिरफ्तारी नहीं

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 11:39 AM (IST)

    पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों की धीमी जांच पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक से हलफनामा मांगा था जिसमें पता चला कि एनडीपीएस के 655 मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी छह महीने से अधिक समय से नहीं हुई है। डीजीपी ने बताया कि 37 मामलों में लापरवाही के लिए जांच अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

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    पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े मामलों की जांच में ढिलाई सामने आई है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ऐसे मामलों की त्वरित जांच के आदेश देते हुए पुलिस महानिदेशक से हलफनामा मांगा था। पुलिस महानिदेशक ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर जानकारी दी कि प्रदेश में एनडीपीएस के दर्ज 655 मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी पिछले छह माह से अधिक समय से नहीं हो पाई है।

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    डीजीपी द्वारा दायर शपथ पत्र के मुताबिक, सभी फील्ड यूनिट से मिली रिपोर्ट दर्शाती है कि इन मामलों में आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं, मगर अब तक सफलता नहीं मिली है। डीजीपी ने बताया कि 37 मामलों में जांच अधिकारियों की लापरवाही साबित होने पर कार्रवाई की गई है।

    इसके अलावा 11 मामलों में आरोपित फरार घोषित किए जा चुके हैं, जबकि 29 मामलों में उन्हें फरार अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया बीएनएसएस की धारा 84 के तहत शुरू की गई है। शपथ पत्र में यह भी स्वीकार किया गया कि अब तक किसी भी मामले में फरार आरोपितों की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने के लिए अदालत में आवेदन दायर नहीं किया गया है।

    डीजीपी ने कहा कि 11 सितंबर को सभी पुलिस फील्ड यूनिटों को पत्र जारी कर यह निर्देश दिए गए हैं कि गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास किए जाएं। इसके साथ ही, आरोपितों को फरार अपराधी घोषित करने और उनकी संपत्ति कुर्क करने की कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।

    हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर इस मुद्दे पर गंभीर नाराजगी जताई थी। जस्टिस एनएस शेखावत की बेंच ने राज्य के डीजीपी को निर्देश दिए थे कि वे विस्तृत शपथ पत्र दाखिल कर बताएं कि किन मामलों में छह माह से अधिक समय से आरोपित गिरफ्तार नहीं हुए व लापरवाह जांच अधिकारियों पर क्या कार्रवाई हुई। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि फरार आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने के लिए क्या कदम उठाए गए।