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    हरियाणा में पेशेवर माफिया ने किया कांस्टेबल भर्ती का पेपर लीक, हैदराबाद से जुड़े रैकेट के तार

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 09 Aug 2021 11:24 AM (IST)

    Haryana Police Constable Exam Paper Leak Case हरियाणा में कांस्‍टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में पेशेवर माफिया का हाथ है। पेशेवर माफिया ने पूरी साजिश के तहत इस परीक्षा के पेपर लीक किए और इस पेपर लीक रैकेट के तार अब हैदराबाद से जुड़ रहे हैं।

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    हरियाणा में कांस्‍टेबल भर्ती परीक्षा में पेशेवर माफिया ने पेपर लीक किया। (सांकेतिक फोटो)

    चंडीगढ़ ,  [अनुराग अग्रवाल]।  Haryana Police Constable Exam Paper Leak Case: हरियाणा में कांस्टेबल की भर्ती का पेपर लीक करने वाले पेशेवर माफिया हैं। प्रदेश में किसी भी पार्टी की सरकार रही हो, पेपर लीक करने वाला यह माफिया हमेशा सक्रिय रहा। हरियाणा पुलिस ने रविवार को कैथल, जींद, करनाल और फतेहाबाद में छापामारी कर एक दर्जन पेशेवर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा में पास होने की चाह रखने वाले लोगों को यह पेपर 10 से 18 लाख रुपये में बेचे गए थे। हजारों लोगों ने यह पेपर खरीदे हैं।

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    हरियाणा पुलिस ने कैथल, जींद, करनाल और फतेहाबाद से 12 लोगों को किया गिरफ्तार

    हरियाणा पुलिस को यह भी आशंका है कि पेपर लीक करने वाले इस माफिया के हैदराबाद की उस कंपनी से सीधे तार जुड़े हुए हैं, जिसने यह पेपर फ्रेम किया था। हालांकि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग सीधे तौर पर अभी कंपनी का नाम लेने से हिचक रहा है, लेकिन पेपर फ्रेम करने वाली यह कंपनी और इसके अधिकारी हरियाणा पुलिस के राडार पर आ गए हैं। इस कंपनी को आउटसोर्स के जरिये पेपर फ्रेम करने के लिए दिया गया था। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग देश भर की विभिन्न कंपनियों से अपने पेपर फ्रेम कराता है।

    फरीदाबाद व कैथल की दो एकेडमी के संचालक भी शक के दायरे में, पुलिस राडार पर

    हरियाणा पुलिस इस बात की तहकीकात में लगी हुई है कि यह पेपर सीधे कंपनी के मुख्यालय से लीक हुआ अथवा उसे पंचकूला में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय तक पहुंचाने के बीच सफर में कहीं लीक किया गया है। पुलिस ने प्राथमिक जांच में फरीदाबाद की एक नामचीन एकेडमी और कैथल की ही दूसरी एकेडमी पर पुख्ता शक जाहिर किया है। इन दोनों एकेडमी के संचालकों को पुलिस पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकती है।

    प्रत्येक पेपर के लिए 10 से 18 लाख रुपये तक वसूले गए, लंबे समय से कर रहे थे पेपर लीक

    दूसरी तरफ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर अपनी तरफ से पेपर लीक मामले में एफआइआर दर्ज कराने को कहा है। यह एफआइआर कैथल में दर्ज होनी है।

    5500 कांस्टेबल की भर्ती के लिए 8.39 लाख युवाओं ने किए आवेदन, अब अगली डेट का इंतजार

    बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने शनिवार व रविवार को 5500 कांस्टेबल की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी। राज्य भर के 35 से ज्यादा केंद्रों पर दो पारियों में यह परीक्षा आयोजित की जा रही थी। लेकिन तभी पेपर लीक होने की सूचना आई, जिसके बाद आयोग ने पारदर्शिता का दावा करते हुए दोनों दिन की परीक्षा निरस्त कर दी है। अगला शेड्यूल जल्द जारी करने की बात कही जा रही है। इस भर्ती के लिए आठ लाख 39 हजार युवाओं ने आवेदन किए थे।

    हरियाणा के विपक्षी नेताओं खासकर रणदीप सिंह सुरजेवाला, अभय सिंह चौटाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और दीपेंद्र हुड्डा ने अलग-अलग बयानों में पेपर लीक माफिया राज्य में पूरी तरह से सक्रिय होने का आरोप लगाया है। दावा किया जा रहा है कि अभी तक 29 बार पेपर लीक हो चुके हैं।

    मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता ने एक ट्वीट के जरिये विपक्ष को जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि भले ही पेपर कितनी बार भी लीक हो जाएं, लेकिन किसी भी माफिया को पनपने और अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। पुलिस तहकीकात कर रही है और वास्तविक अपराधियों की जड़ तक पहुंचा जाएगा।

    पेपर लीक कांड की जांच को एसआइटी संभव

    उधर, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह का कहना है कि हम पूरे मामले की तह में जाना चाहते हैं। आयोग की ओर से एफआइआर दर्ज कराने के लिए एक अप्लीकेशन डीजीपी कार्यालय को भेजी गई है। भर्ती के लिए नया शेड्यूल जारी करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ चर्चा की जाएगी।

    उन्होंने पेपर लीक माफिया के तार हैदराबाद, फरीदाबाद अथवा कैथल में कहीं जुड़े होने के सवाल पर कहा कि आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर किसी को ब्लेम करना उचित नहीं है। पुलिस पूरी जिम्मेदारी के साथ अपनी जांच करे और वास्तविक दोषियों की तह तक जाकर उन्हें बेनकाब करे। भोपाल सिंह ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो पेपर लीक कांड की जांच कराने के लिए एसआइटी भी गठित की जा सकती है।