हरियाणा में जल्द चलेंगी किलामीटर स्कीम में निजी बसें, तैयारी पूरी, शुरूआत तीन जिलाेें में
हरियाणा में जल्द ही किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसें चलेंगी। हरियाणा रोडवेज के तहत ये बसें चलेंगी और इसकी शुरूआत तीन जिलों से होगी।

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में किलोमीटर स्कीम पर कर्मचारी यूनियनों के विरोध केे बावजूद जल्द ही किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसें चलेंगी। हरियाणा सरकार ने विरोध काे दरकिनार कर अनुबंध पर ली गई 190 निजी बसों को जल्द ही सड़कों पर उतारेगी। इनमें से 66 बसें पूरी तरह से तैयार हैं जिन्हें गुरुग्राम, पलवल और फरीदाबाद में विभिन्न रूटों पर चलाया जाएगा। इसके बाद दूसरे जिलों में बाकी बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी।
परिवहन महकमे से अनुबंध कर चुके निजी बस आपरेटर्स के साथ मंगलवार को हुई बैठक में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेशवासियों को समुचित परिवहन सुविधाएं मुहैया कराने के लिए किलोमीटर स्कीम के तहत इन बसों को चलाया जाएगा। 26.92 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से हॉयर की गई इन बसों में चालक ट्रांसपोर्टर का होगा, जबकि परिचालक सरकारी। 190 बसों के संचालन से लोगों को बसों की कमी से निजात मिलेगी।
परिवहन मंत्री ने कहा किजो बस ऑपरेटर किसी कारणवश निर्धारित समय पर बसों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए, उन्हें जल्द रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा गया है। इन बसों का रजिस्ट्रेशन आरटीए के माध्यम से कराया जाएगा। यदि इसमें किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसका भी समाधान किया जाएगा।
उन्होंने संबंधित आरटीए सचिवों को इन बसों का रजिस्ट्रेशन प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं। जिन बसों के रजिस्ट्रेशन की समय-सीमा समाप्त होने वाली है, उनका समय भी लगभग एक महीना बढ़ा दिया जाएगा। विभाग द्वारा इस संबंध में जल्द ही पत्र जारी किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के लिए बस ऑपरेटरों को आवेदन करना होगा।
तालमेल कमेटी ने किया विरोध
रोडवेज तालमेल कमेटी के पदाधिकारी दलबीर किरमारा ने कहा कि अगर सरकार ने किमी स्कीम में बसों को चलाने की हठधर्मिता दिखाई तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। सरकार अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए किलोमीटर स्कीम के तहत बसें चलाने पर अड़ी है, जबकि इससे यात्रियों की मुश्किलों के साथ ही रोडवेज का घाटा भी बढ़ेगा।
-----------
सोनीपत और झज्जर के एडीसी पर गाज, आरटीए पद से हटाये
दूसरी ओर, परिवहन विभाग में अनियमितताओं की लगातार शिकायतों के चलते प्रदेश सरकार ने सोनीपत और झज्जर के अतिरिक्त उपायुक्तों को आरटीए (क्षेत्रीय यातायात प्राधिकरण) के सचिव पद से हटा दिया है।सोनीपत में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को आरटीए सचिव का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। झज्जर में बहादुरगढ़ के एसडीएम को आरटीए सचिव की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन राय ने मंगलवार को दोनों अतिरिक्त उपायुक्तों को आरटीए सचिव पद से हटाने के निर्देश जारी कर दिए। बताया जाता है कि झज्जर और सोनीपत में स्थित आरटीए सचिव कार्यालय में अनियमितताओं की कई शिकायतें सरकार के पास पहुंच रही थीं। आरोप है कि इन जिलों में दलालों का एक नेटवर्क काम कर रहा है जिससे न केवल फर्जी तरीके से लाइसेंस जारी किए जा रहे थे, बल्कि ओवरलोडिंग की भी बड़ी शिकायतें सामने आईं। अवैध खनन में लगे वाहनों पर भी विभागीय अफसर अंकुश नहीं लगा पा रहे थे। चालान में हेराफेरी की भी बड़ी शिकायतें हैं।
बता दें कि मनोहर सरकार की पहली पारी में अगस्त 2017 में सीएम उडऩदस्तों की छापेमारी में आरटीए कार्यालय में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद सभी 22 जिलों के आरटीए सचिव को हटाते हुए अतिरिक्त जिला उपायुक्तों को इस पद पर लगाया गया था। इसके बावजूद आरटीए कार्यालय में स्थिति ज्यादा नहीं बदली है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।