प्रिंस हत्याकांड में ACP समेत चार पुलिस अधिकारियों पर गंभीर धाराओं में चार्ज फ्रेम, कोर्ट ने कहा-मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार
पंचकूला सीबीआइ अदालत ने प्रिंस हत्याकांड में चार पुलिस अधिकारियों पर चार्ज फ्रेम किए। अदालत ने आरोपमुक्ति याचिकाएं खारिज कर दीं। अदालत के अनुसार, आरोप ...और पढ़ें

पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने किए जार्च फ्रेम
जागरण संवाददाता, पंचकूला। गुरुग्राम के एक स्कूल में हुए प्रिंस (काल्पनिक नाम) हत्याकांड में मंगलवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में चार्ज फ्रेम कर दिया है। साथ ही डिस्चार्ज यानी आरोपमुक्ति की याचिकाएं खारिज कर दीं।
कोर्ट ने कहा कि उपलब्ध साक्ष्य यह दर्शाते हैं कि आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की गंभीर आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार मौजूद है। अब मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी 2026 को होगी।
इस मामले में आरोपित पुलिस अधिकारी तत्कालीन निरीक्षक नरेंद्र सिंह खटाना, जो मुख्य आरोपित हैं और फिलहाल जमानत पर हैं, तत्कालीन एसीपी बीरम सिंह, तत्कालीन उप-निरीक्षक शमशेर सिंह और तत्कालीन ईएसआई सुभाष चंद हैं।
अदालत पहले ही सभी पर आपराधिक साजिश, कानून का उल्लंघन, गलत दस्तावेज तैयार करना, झूठे साक्ष्य तैयार करना, यातना देकर स्वीकारोक्ति लेना और धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा चलाने के आदेश दे चुकी है।
2017 में निजी स्कूल में छात्र की हत्या हुई थी
यह मामला वर्ष 2017 में गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में छात्र प्रिंस की रहस्यमयी हत्या से जुड़ा है। शुरुआती जांच में स्कूल बस कंडक्टर को मुख्य आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया था। बाद में जांच सीबीआई के हवाले की गई, जिसमें खुलासा हुआ कि पुलिस अधिकारियों ने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की, कंडक्टर पर दबाव डालकर जबरन अपराध स्वीकार करवाने का प्रयास किया और उसके खिलाफ झूठे दस्तावेज तैयार किए।
वास्तविक अपराधी को बचाने के लिए अधिकारियों ने गंभीर अनियमितताएं कीं। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपित अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा दिखाई। उन्होंने एक निर्दोष व्यक्ति से यातना लेकर झूठी स्वीकारोक्ति लेने जैसे गंभीर कृत्यों में भाग लिया।

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