Haryana News : गरीबों को दाखिले से कन्नी काट रहे निजी स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी, छिनेगी मान्यता
हरियाणा में गरीब बच्चों को दाखिले से कन्नी काटने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी है। शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने अधिकारियों को संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पहली कक्षा तक 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिला देना अनिवार्य है। 70 प्रतिशत स्कूलों ने ही उज्जवल पोर्टल के माध्यम से बच्चों की सीटें तय की हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में गरीब बच्चों को दाखिला देने से कन्नी काट कर रहे निजी स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी है। प्रदेश में 30 प्रतिशत निजी स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 के तहत पहली कक्षा और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों को दाखिला देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है।
निजी स्कूलों में आरटीई के तहत गरीब छात्रों को मुफ्त दाखिले के लिए मंगलवार को आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है जो 21 अप्रैल तक चलेगी।
इसके बावजूद करीब एक तिहाई निजी स्कूलों द्वारा इस संबंध में प्रक्रिया शुरू नहीं करने पर नाराजगी जताते हुए शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने अधिकारियों के साथ बैठक में संबंधित स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में पहली कक्षा तक 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब बच्चों को दाखिला देना अनिवार्य है।
स्कूलों की मान्यता हो सकती है रद
अभी तक 70 प्रतिशत स्कूलों ने ही उज्जवल पोर्टल के माध्यम से बच्चों की सीटें तय की हैं। बाकी के 30 प्रतिशत स्कूलों ने सीटें जल्द तय नहीं की तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन स्कूलों की मान्यता भी रद की जा सकती है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में और सुधार लाना व विद्यार्थियों को बेहतर सुविधा मुहैया करवाना है। इसमें काफी सफलता भी मिल रही है।
सरकारी स्कूलों में 30 अप्रैल तक पिछले साल जहां पांचवीं कक्षा में दो लाख सात हजार 685 बच्चों का दाखिला हुआ था, वहीं 15 अप्रैल तक दो लाख चार हजार 163 बच्चों का दाखिला हो चुका है। उम्मीद है कि 30 अप्रैल तक पिछले वर्ष से ज्यादा दाखिले हो जाएंगे।
इससे जाहिर है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हुई है और विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों की वर्दी के पैसे उनके बैंक खातों में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक डाल दिए जाएंगे। 21 अप्रैल तक मुफ्त किताबें भी दे दी जाएंगी।
महंगी किताबें लगाई तो खैर नहीं, शिक्षा बोर्ड की टीमें करेंगी जांच
अब निजी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर की महंगी किताबें लगाई तो खैर नहीं। ऐसे स्कूलों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई होगी और मान्यता भी रद्द हो सकती है। इन स्कूलों की जांच अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड करेगा।
इसकी तैयारी हो गई है और हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड जिला अनुसार अपनी विशेष जांच टीमें गठित करेगा। अभियान के तहत छठी से 12वीं कक्षा तक की पुस्तकों की जांच होगी। शिक्षा बोर्ड से प्रदेशभर में 21 हजार निजी व सरकारी स्कूल जुडे़ है।
निजी स्कूलों में अतिरिक्त कमाई के फेर में या बेहतर परिणाम के फेर में स्कूल संचालक निजी पब्लिशर्स की महंगी किताबे लगाते है। जिससे बच्चों के अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी पहले ही निजी स्कूल संचालकों को निर्देश दे चुके है कि निजी पब्लिशर्स की महंगी पुस्तकें न लगाए वरना कार्रवाई होगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।