हरियाणा में नए समीकरण की संभावना, केजरीवाल से हाथ मिला सकते हैं अभय चौटाला
अब हरियाणा में नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। दुष्यंत को मात देने के लिए अभय सिंह चौटाला केजरीवाल के साथ हाथ मिला सकते हैं।
चंडीगढ़ [अनुराग अग्रवाल]। राजनीति में कभी भी और कुछ भी संभव है। दिल्ली के चुनावी रण में अरविंद केजरीवाल की तीसरी बार जीत के बाद अब हरियाणा में नए राजनीतिक समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। लोकसभा चुनाव में केजरीवाल के साथ चलने वाले भतीजे दुष्यंत चौटाला को मात देने के लिए चाचा अभय सिंह चौटाला देर-सबेर आम आदमी पार्टी के साथ राजनीतिक पीगें बढ़ा सकते हैं।
दुष्यंत चौटाला फिलहाल हरियाणा की भाजपा सरकार में साझीदार हैं। लोकसभा चुनाव उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा, लेकिन विधानसभा चुनाव में अपनी अलग राह पकड़ ली। इनेलो विधायक दल के नेता रह चुके चाचा अभय चौटाला को यह उम्मीद नहीं थी कि भतीजा दुष्यंत विधानसभा चुनाव में अच्छा गेम खेल सकता है।
दुष्यंत की जननायक जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 10 सीटें हासिल की और भाजपा के साथ सरकार में शामिल हो गए। दिल्ली के चुनावी रण के नतीजे आने के तुरंत बाद अभय चौटाला ने फायदा उठाने में देरी नहीं लगाई। अभय ने अरविंद केजरीवाल की जीत पर न केवल उन्हें बधाई दी, बल्कि शेरो-शायरी के जरिये भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ भतीजे पर भी हमला बोला। हालांकि उनकी बधाई चुनाव के माहौल में एक औपचारिकता मात्र है, लेकिन इनेलो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच कभी भी प्रेमालाप बढ़ सकता है। इसमें आप की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष नवीन जयहिंद अहम भूमिका निभा सकते हैं।
दुष्यंत चौटाला की जजपा के साथ आप के गठबंधन में जयहिंद ने भी अहम रोल अदा किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर पेंच फंस गया था। दिल्ली के रण में दुष्यंत ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भाजपा का मंच साझा किया है। ऐसे में इन्कार नहीं किया जा सकता कि मौका मिला तो केजरीवाल और जयहिंद भी अभय सिंह चौटाला की तरफ अपनी राजनीतिक दोस्ती का हाथ बढ़ा सकते हैं।
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