Move to Jagran APP

Navjot Singh Sidhu का सरकार में लौटने से इन्कार, पंजाब में हो सकते हैं AAP का चेहरा

Navjot Singh Sidhu ने कहा कि कैप्टन उन पर विश्वास नहीं करते। वह मंत्रिमंडल में नहीं लौटेंगे। सिद्धू पंजाब में आप के चेहरा हो सकते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 09:18 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 05:35 PM (IST)
Navjot Singh Sidhu का सरकार में लौटने से इन्कार, पंजाब में हो सकते हैं AAP का चेहरा
Navjot Singh Sidhu का सरकार में लौटने से इन्कार, पंजाब में हो सकते हैं AAP का चेहरा

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। सरकार से नाराज होकर लंबे समय से घर बैठे पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने लौटने से साफ इन्कार कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस संगठन के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता ने नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने की काफी कोशिश की और कहा कि उन्हें अब सरकार में लौटना चाहिए, लेकिन सिद्धू नहीं माने। यह बैठक दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले हुई थी।

loksabha election banner

सिद्धू ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का उन पर विश्वास नहीं है। वे सार्वजनिक तौर पर भी इस बात को प्रकट करने से नहीं चूकते। वहीं, इस सारे घटनाक्रम दिल्ली के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी सिद्धू को अपने पाले में लाने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस नेता ने बताया कि यह बात उनकी जानकारी में है कि दोनों ओर से बातचीत चल रही है, लेकिन यह किस स्तर पर पहुंची है, इसकी जानकारी नहीं है।

कांग्रेस में भी इस बात की चर्चा है कि पार्टी में हाशिए पर लगे सिद्धू आप का झाड़ू थाम सकते हैं। इसीलिए स्टार प्रचारक होने के बावजूद सिद्धू ने कांग्रेस के पक्ष में एक भी रैली नहीं की, क्योंकि वह जानते थे कि उन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ ही बोलना पड़ेगा। हालांकि, आप की तरफ से किसी ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी आप ने उन्हें पार्टी में शामिल करने की कोशिश की थी, लेकिन पार्टी उन्हें केवल स्टार प्रचारक बनाकर ही रखना चाहती थी। ऐसे में उनकी बात नहीं बनी। अब आप और सिद्धू , दोनों के लिए स्थितियां बदल गई हैं।

पुरानी गलतियां नहीं दोहराना चाहती आप

दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आप की नजरें एक बार फिर पंजाब पर लग गई हैं। पार्टी इस बार वह गलतियां दोहराना नहीं चाहती, जो पिछले चुनाव के दौरान हुई थीं। आम आदमी पार्टी और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों के लिए यह काफी उपयुक्त मौका है। पंजाब में आम आदमी पार्टी का झाड़ू लगातार तीन सालों से बिखर रहा है। पार्टी के आधा दर्जन से ज्यादा विधायक मुख्य ग्रुप को छोड़ चुके हैं। सुखपाल खैहरा, कंवर संधू, सरीखे नेता पार्टी लाइन से अलग चल रहे हैं। पार्टी के पास भगवंत मान को छोड़कर कोई बड़ा चेहरा नहीं है। उन्हें एक बड़े जट्ट सिख चेहरे की तलाश है, जो सिद्धू पूरा कर सकते हैं।

लोस चुनाव में बठिंडा सीट हारने का ठीकरा फूटा था सिद्धू के सिर

नवजोत सिद्धू संसदीय चुनाव के बाद से ही हाशिए पर लगे हुए हैं। बठिंडा सीट हारने का ठीकरा उन्हीं के सिर फूटा था। 2017 में चुनाव के दौरान जब सिद्धू का आम आदमी पार्टी ने हाथ नहीं थामा, तो सिद्धू कांग्रेस में चले गए। उनकी ताबड़तोड़ रैलियों के चलते कांग्रेस ने 77 सीटें जीत लीं, लेकिन सिद्धू ने 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान पंजाब से दूरी बनाए रखी। मात्र एक दो रैलियां कीं।

विभाग बदलने पर दिया था इस्तीफा

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2019 में संसदीय चुनाव के बाद सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग से हटाकर उन्हें बिजली विभाग सौंप दिया था। नाराज सिद्धू ने बिजली विभाग ज्वाइन ही नहीं किया और घर बैठ गए। उसके बाद उन्होंने यह कहते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया कि मुख्यमंत्री को उन पर भरोसा ही नहीं है। कांग्रेस ने पहले राजस्थान के चुनाव में और अब दिल्ली के चुनाव में सिद्धू को स्टार प्रचारक बनाया, लेकिन वह किसी भी चुनाव में प्रचार करने नहीं गए। 

यह भी पढ़ें: Government Hospital's की Emergency में मुफ्त इलाज बंद, 24 घंटे तक फ्री होता था उपचार

यह भी पढ़ें: यहां मिलती है Kidney patients को Dialysis की मुफ्त सुविधा, सेवा के जज्बे से जीवन को मिल रही नई धारा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.