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    हरियाणा: अपराधियों के होटल में ठहरते ही पुलिस के पास पहुंचेगा अलर्ट, वेब कैमरे समेत इन यंत्रों को खरीदने की मंजूरी

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 06:55 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित स्मार्ट मॉनिटरिंग सिस्टम शुरू किया है। यह सिस्टम होटल में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के ठहरने पर पुलिस को अलर्ट करता है। हरियाणा ने डिजिटल गवर्नेंस में उत्कृष्टता हासिल की है और नागरिक सेवाओं में सुधार किया है। 

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    हरियाणा: अपराधियों के होटल में ठहरते ही पुलिस के पास पहुंचेगा अलर्ट। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) सक्षम एक स्मार्ट मानिटरिंग सिस्टम शुरू किया है, जो किसी भी होटल में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के ठहरने पर संबंधित थाने के एसएचओ को रियल-टाइम अलर्ट भेजता है। प्रदेश भर में लागू यह प्रणाली होटल में रहने वाले व्यक्ति के नाम, आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर का पुलिस रिकार्ड से स्वयं मिलान करती है।

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    देश की पहली ऐसी तकनीक आधारित पूर्व चेतावनी प्रणाली से अपराधियों को समय रहते पकड़ने व नये अपराध रोकने में मदद मिल रही है। हरियाणा की गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने अपराध और अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं प्रणाली (सीसीटीएनएस) तथा इंटरआपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (आइसीजेएस) की 31वीं स्टेट एपेक्स कमेटी की बैठक में एआइ आधारित स्मार्ट मानिटरिंग सिस्टम को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश किया।

    मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की मौजूदगी में हुई बैठक में जानकारी दी गई कि हरियाणा ने डिजिटल गवर्नेंस और नागरिक केंद्रित पुलिसिंग में उत्कृष्टता के नये मानक स्थापित करते हुए जून 2021 से लेकर अब तक 51 महीनों में से 37 महीनों तक राष्ट्रीय रैंकिंग में शीर्ष स्थान बनाए रखा है। अगस्त 2025 में राज्य ने सौ फीसदी अंक हासिल करते हुए कुशल सेवा वितरण और तकनीक आधारित न्याय सुधारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है।

    मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश का डिजिटल पुलिसिंग माडल एक नई सोच का प्रतीक है। गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने जानकारी दी कि हरियाणा पुलिस ने नागरिक सेवाओं में अतुलनीय निरंतरता कायम रखते हुए हर समय पोर्टल पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए राइट टू सर्विस डैशबोर्ड पर 10 में से 10 अंक प्राप्त किए हैं।

    28 अक्टूबर 2025 तक पुलिस विभाग ने सरल पोर्टल के माध्यम से 75.97 लाख नागरिक आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण किया है, जो राज्य के सभी विभागों में सर्वाधिक है।सुमिता मिश्रा ने होटल विजिटर डेटा सर्च, आइआइएफ-3 (गिरफ्तारी/आत्मसमर्पण फार्म) में क्रिमिनल सर्च हिस्ट्री और लापता व्यक्तियों का हरसमय पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण किए जाने की प्रक्रिया पर चर्चा की।

    उन्होंने बताया कि नागरिक अब घर बैठे केवल दो मिनट में लापता व्यक्ति की रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। सीसीटीएनएस और ई-प्रोसिक्यूशन संस्करण-2 के एकीकरण से अब मसौदा आरोप-पत्रों का कानूनी परीक्षण के लिए इलेक्ट्रानिक हस्तांतरण संभव हो गया है, जिससे मैनुअल देरी और त्रुटियों की संभावना समाप्त हो गई है।

    गृह सचिव ने बताया कि अब हरियाणा में सभी आरोप-पत्र न्यायालयों को इलेक्ट्रानिक रूप में भेजे जाते हैं और शत-प्रतिशत डिजिटल फाइलिंग हासिल की जा चुकी है। करनाल में सफल पायलट प्रोजेक्ट से इसकी विश्वसनीयता सिद्ध हो चुकी है।

    बैठक में 33.69 करोड़ रुपये की राज्य कार्य योजना के अंतर्गत गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित परियोजना आइसीजेएस 2.0 के लिए 92.32 लाख रुपये जारी करने को मंजूरी दी गई। इस राशि से 411 फिंगरप्रिंट एनरोलमेंट डिवाइस, 2,489 सिंगल-डिजिट स्कैनर और 1,688 वीडियो कान्फ्रेंस/वेब कैमरे खरीदे जाएंगे।

    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने भी गृह मंत्रालय द्वारा 3.25 करोड़ की अतिरिक्त राशि को मंजूरी देने की पुष्टि की है। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बैठक में बताया कि हरियाणा के 391 पुलिस थाने अब देश के सशक्त और डिजिटल रूप से जुड़े पुलिस नेटवर्क का हिस्सा हैं।

    मोबाइल क्राइम यूनिट के मामले में हरियाणा देश में अग्रणी है। वर्तमान में 27 यूनिट संचालित हैं और नौ अक्टूबर तक 11 हजार 71 बायोमीट्रिक एनरोलमेंट दर्ज किए जा चुके हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। ये यूनिट अपराध स्थल पर ही फारेंसिक साक्ष्य एकत्र करती हैं, जिससे जांच की गुणवत्ता और गति दोनों में सुधार हुआ है।

    पुलिस महानिदेशक ने जानकारी दी कि ‘न्याय श्रुति’ पहल के तहत करनाल में वर्चुअल कोर्ट अपीयरेंस शुरू कर दी गई है। इससे पुलिस कर्मियों और बंदियों की अनावश्यक आवाजाही में कमी तथा मामलों के निस्तारण में तेजी आई है।

    विभाग अब रियल-टाइम डैशबोर्ड और स्लाट टाइमिंग सिस्टम लागू करने की दिशा में कार्य कर रहा है, जिससे न्यायिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता व दक्षता और बढ़ेगी। बैठक में हारट्रोन, एनआइसी, क्रिड, गृह, अभियोजन और जेल विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।