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    मोहाली में पुलिस स्मृति दिवस पर बलिदानियों को श्रद्धांजलि, 1959 के लद्दाख बलिदान और पंजाब पुलिस की बहादुरी को किया याद

    Updated: Tue, 21 Oct 2025 01:56 PM (IST)

    मोहाली में पुलिस स्मृति दिवस परेड में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। एसएसपी हरमनदीप हांस ने पुलिस बल के समर्पण को सराहा। उपायुक्त कोमल मित्तल ने शहीदों के बलिदान को याद किया। यह दिवस 1959 में लद्दाख में शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों की याद में मनाया जाता है। पंजाब पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी है और कई बलिदान दिए हैं।

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    मोहाली में पुलिस स्मृति दिवस परेड में 191 पुलिस और अर्धसैनिक बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, मोहाली। राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने की ज़िम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है। पुलिस बल का अटूट समर्पण और उत्साह देश की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करता है, यह बात मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरमनदीप सिंह हांस, आई पी एस ने जिला प्रशासनिक परिसर, एस ए एस नगर में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही।

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    उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को उन बहादुर सी आर पी एफ कर्मियों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने 1959 में लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गश्त करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

    यह दिन उन सभी पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को याद करने के लिए समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। एस एस पी ने बताया कि पिछले वर्ष भारत भर के विभिन्न पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 191 जवानों ने शहादत प्राप्त की। उन्होंने कहा, "देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे सच्चे नायक हैं। उनकी बहादुरी और समर्पण पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।"

    उन्होंने आगे कहा कि पंजाब पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी साहसी लड़ाई के लिए दुनिया भर में पहचान बनाई है। उग्रवाद के वर्षों के दौरान, पंजाब पुलिस के अधिकारियों और कर्मियों ने राज्य में शांति और सद्भाव बहाल करने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "हमें उनके बलिदानों को हमेशा याद रखना चाहिए और राष्ट्र के गौरव को बढ़ाने के उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में काम करना चाहिए।"

    आतंकवाद से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले और अब एस ए एस नगर में रह रहे पंजाब पुलिस अधिकारियों/कर्मियों के 35 परिवारों का ज़िक्र करते हुए, एस एस पी ने उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। कई परिवार के सदस्यों ने अपनी चिंताएँ साझा कीं और उन्हें ज्ञापन सौंपे, जिनका उन्होंने शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।

    इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए, उपायुक्त श्रीमती कोमल मित्तल ने कहा कि हर साल पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन हमें उन बहादुर कर्मियों की याद दिलाता है जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों ने हमेशा साहस के साथ देश की सेवा की है - चाहे आतंकवाद से लड़ना हो या आपात स्थितियों और महामारी का सामना करना हो।

    उन्होंने कहा, "उनका बलिदान हमें राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्य की याद दिलाता है। हमें हमेशा उनकी वीरता को याद रखना चाहिए और देश की सुरक्षा में अपने तरीके से योगदान देना चाहिए।"

    इस अवसर पर, उपायुक्त श्रीमती कोमल मित्तल और एस एस पी हरमनदीप सिंह हांस ने पुलिस शहीदों के सचित्र स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस से पहले शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। स्मृति दिवस परेड की अगुवाई डी एस पी पृथ्वी सिंह चाहल ने की। बलिदानों के नाम पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) हरसिमरत सिंह छेतरा ने पढ़े।

    इस अवसर पर श्री अनीश कुमार गोयल (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, मोहाली), सभी पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी, पुलिसकर्मी और शहीदों के परिवारजन उपस्थित थे, जिन्होंने अपने प्रियजनों की स्मृति में पुष्पांजलि अर्पित की।