Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana News: परवीन ने NSA के तहत अपनी हिरासत को दी चुनौती, HC ने केंद्र और हरियाणा सरकार से किया जवाब तलब

    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत में लिए गए परवीन उर्फ दादा के मामले में सरकार से जवाब मांगा है। परवीन उर्फ दादा पर 20 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र व और हरियाणा राज्य अपने जवाब दाखिल करें और जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के साथ-साथ राज्य से संबंधित प्रासंगिक रिकार्ड पेश करें।

    By Dayanand Sharma Edited By: Deepak Saxena Updated: Sat, 03 Aug 2024 08:00 PM (IST)
    Hero Image
    परवीन मामले पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से किया जवाब तलब।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कथित अपराधी परवीन उर्फ दादा की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। दादा पर लोगों को आतंकित करने का आरोप है और उसके खिलाफ 20 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिरासत का आधार यह है कि प्रवीण अपने इंटरनेट मीडिया पर अवैध हथियारों का इस्तेमाल करते हुए वीडियो अपलोड करता है, जिससे युवाओं को गैंगस्टर बनने के लिए प्रभावित किया जा सके।

    2023 में दर्ज किए कई एफआईआर

    चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने कहा कि केंद्र व और हरियाणा राज्य अपने जवाब दाखिल करें और जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के साथ-साथ राज्य से संबंधित प्रासंगिक रिकार्ड पेश करें। याचिका के अनुसार याचिकाकर्ता रोहतक स्थित आजाद गैंग से संबंधित है और उसे 2023 में कई दर्ज एफआईआर में गिरफ्तार किया गया था।

    याचिका में कहा गया है याचिकाकर्ता के कथित पिछले आचरण और उसे हिरासत में लेने की अनिवार्य आवश्यकता के बीच कोई जीवंत और निकट संबंध नहीं था।

    ये भी पढ़ें: Haryana News: भ्रष्टाचार में सिटाडेल सिक्योरिटी सर्विसेज का ठेका रद, सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त

    याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को अप्रैल में ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी, हालांकि, यह रिकॉर्ड में है कि उसने अपनी जमानत बांड दाखिल नहीं की थी और वह दिल्ली की रोहिणी जेल में न्यायिक हिरासत में था, शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत एक अन्य एफआईआर में, जब मई में पहला हिरासत आदेश पारित किया गया था, तो यह मानने का कोई आसन्न कारण नहीं था कि याचिकाकर्ता की हिरासत सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

    28 अगस्त को होगी मामले की अगली सुनवाई

    जिला मजिस्ट्रेट का यह आदेश कि याचिकाकर्ता अपने पिछले आचरण के आधार पर रिहा होने पर जघन्य अपराधों में लिप्त होगा, बिना किसी ठोस सबूत के मात्र संदेह के अलावा कुछ नहीं है। परिणामस्वरूप याचिका में एनएसए की धारा 3 के तहत 2024 में पारित निरोध आदेशों को निरस्त करने की मांग की गई। इस मामले में अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

    ये भी पढ़ें: Haryana News: 'कांग्रेस के समय पैसे और सिफारिश पर मिलती थी नौकरियां', BJP नेता किरण चौधरी ने कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप