पंचकूला नगर निगम वार्डबंदी का प्रस्ताव पास, कई पुराने पार्षदों के क्षेत्र बदले, नए समीकरण करेंगे फैसला
पंचकूला नगर निगम ने वार्डबंदी का प्रस्ताव पास कर दिया है, जिसके चलते कई पुराने पार्षदों के क्षेत्र बदल गए हैं। इस बदलाव से शहर में नए राजनीतिक समीकरण ...और पढ़ें

नई वार्ड संरचना स्वीकृति से पहले विचार-विमर्श करते वार्डबंदी कमेटी के सदस्य।
राजेश मलकानियां, पंचकूला। नगर निगम चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं। नगर निगम वार्डबंदी को लेकर मंगलवार को उपायुक्त सतपाल शर्मा की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें वार्डबंदी कमेटी के सभी सदस्यों ने नई वार्ड संरचना को अपनी स्वीकृति दे दी।
इस निर्णय के साथ ही पंचकूला में नए राजनीतिक समीकरण भी बनने शुरू हो गए हैं। बैठक में बताया गया कि नई वार्डबंदी में कई पुराने पार्षदों के क्षेत्र बदल गए हैं, जिससे स्थानीय नेताओं के समीकरण पर बड़ा असर पड़ सकता है।अब हर वार्ड की जनसंख्या 10,000 से लेकर 15,000 के बीच तय की गई है, जबकि पहले कई वार्डों में यह संख्या 6,000 से 7,000 के बीच ही रहती थी।
जनसंख्या बढ़ने से अब चुनावी मैदान और चुनौतीपूर्ण होगा। संभावित उम्मीदवारों को अधिक क्षेत्र में जनसंपर्क करना होगा, जिससे चुनाव की तैयारी पहले से कहीं अधिक कठिन हो जाएगी। वार्ड में बढ़ते मतदाता न सिर्फ चुनावी रणनीति बदलेंगे, बल्कि नेताओं को नई जगहों पर अपना आधार भी मजबूत करना होगा।
राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो पंचकूला में इस बार मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा रहने वाला है। कुल 20 वार्डों में दोनों दलों के बीच आमने-सामने की टक्कर की उम्मीद है।
मेयर पद पर भी सीधा मुकाबला तय माना जा रहा है, जिससे चुनावी सरगर्मी और बढ़ गई है। नई वार्डबंदी के बाद बदलते क्षेत्रों और बढ़ती जनसंख्या ने राजनीतिक दलों के सामने नए समीकरण खड़े कर दिए हैं, जिनके आधार पर टिकट चयन से लेकर चुनावी अभियान तक की रणनीति प्रभावित होगी।

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