Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंचकूला के सफाई कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, एकाउंट में आया छह साल का एरियर

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 02:54 PM (IST)

    पंचकूला नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को 6 साल का लंबित एरियर मिला। हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल ने चेक वितरित किए। इस योजना से 620 कर्मचारियों को लाभ हुआ, जिनमें सेवानिवृत्त कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, निगम कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा के लिए वजीफा भी देगा, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी।

    Hero Image

    पंंचकूला में सफाई कर्मचारियों के खाते में आया एरियर (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। पंचकूला नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को आखिरकार 6 साल का लंबित एरियर मिल गया है। बुधवार को नगर निगम कार्यालय के बाहर आयोजित भव्य कार्यक्रम में हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने स्वयं कर्मचारियों को चैक वितरित कर एरियर भुगतान प्रक्रिया का औपचारिक रूप से समापन किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कार्यक्रम में महापौर कुलभूषण गोयल, विधायक शक्तिरानी शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, नगर परिषद कालका के प्रधान कृष्ण लांबा और नगर निगम के पार्षद भी मौजूद रहे। कर्मचारियों की यह मांग वर्ष 2017 से लंबित थी, जिसे पूरा होते देख कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल रहा।

    एक करोड़ का किया गया भुगतान

    महापौर ने बताया कि पंचकूला नगर निगम के कर्मचारियों के लिए लगभग 7 करोड़ रुपये, जबकि कालका नगर परिषद के कर्मचारियों के लिए करीब 1 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। कालका नगर परिषद 2020 तक नगर निगम का हिस्सा रही, इसलिए उस अवधि का एरियर भी कर्मचारियों को दे दिया गया है।

    इस योजना का लाभ लगभग 620 सफाई कर्मचारियों को मिला है, वहीं लगभग 100 सेवानिवृत्त कर्मचारियों या दिवंगत कर्मचारियों के परिवारों को भी राशि प्रदान की गई है। प्रति कर्मचारी औसतन 1 से 1.5 लाख रुपये तक का एरियर मिला, जिससे परिवारों को बड़ी आर्थिक राहत पहुंची है।

    नगर निगम खर्च करेगा 12 लाख रुपये

    महापौर कुलभूषण गोयल ने बताया कि सिर्फ एरियर ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के बच्चों के लिए भी एक विशेष पहल की गई है। जिन बच्चों ने 60% या इससे अधिक अंक हासिल किए हैं, उन्हें तीन वर्ष तक वजीफा दिया जाएगा।

    इस योजना पर नगर निगम करीब 12 लाख रुपये खर्च करेगा और 37 बच्चों को 30 हजार से 50 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम को कर्मचारियों की मेहनत, समर्पण और शहर की स्वच्छता में उनके योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।