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    पंचकूला के होटलों में रूफटाॅप पार्टियां, म्यूजिक और शोर-शराबा इतना कि लोगों की नींद हैराम, डीसीपी से लगाई गुहार

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 06:03 PM (IST)

    पंचकूला के सेक्टरों में होटलों की रूफटाॅप पार्टियों से निवासी परेशान हैं। तेज़ संगीत और शोर के कारण लोगों की नींद हराम हो गई है। फेडरेशन आफ रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने डीसीपी से शिकायत की है। सेक्टर 5, 8, 9 और 10 के होटलों पर नियमों के उल्लंघन का आरोप है। निवासियों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है, चेतावनी दी है कि कार्रवाई न होने पर वे मानव अधिकार आयोग जाएंगे।

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    फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य डीसीपी को ज्ञापन सौंपते हुए।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। शहर के प्रतिष्ठित सेक्टरों में स्थित होटलों की रूफटाॅप पार्टियों ने अब निवासियों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। तेज़ धमाकेदार संगीत, अवैध निर्माण और देर रात तक चलने वाले शोर-शराबे ने पंचकूला को रातों का नर्क बना दिया है।

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    तंग आकर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स एसोसिएशन (फोरा) पंचकूला ने आखिरकार प्रशासन के दरवाजे पर दस्तक दी है और डीसीपी पंचकूला एवं एचएसवीपी एस्टेट अफसर को विस्तृत शिकायत सौंपकर कड़ा विरोध दर्ज करवाया है।

    फोरा के प्रधान आरपी मल्होत्रा के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में महासचिव भारत हितैषी, वित्त सचिव एनके शर्मा, कोर कमेटी सदस्य योगिंदर क्वात्रा, संजीव गोयल, आरसी गुप्ता व डाॅ. एमएस कंबोज शामिल थे।

    इस डेलिगेशन ने साफ कहा कि शहर के सेक्टर 5, 8, 9 और 10 में स्थित होटल अपनी इमारतों की छतों को खुलेआम 'रूफटाॅप पार्टी ज़ोन' में बदल रहे हैं, वह भी बिना किसी अनुमति और सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर चल रहे हैं। आरपी मल्होत्रा के अनुसार इन होटलों ने छतों पर अस्थायी और अनधिकृत शेड खड़े कर रखे हैं, जिन्हें पार्टी हाॅल का रूप दे दिया गया है।

    रात चढ़ते ही यहां शादी समारोह, जन्मदिन पार्टियां और अन्य प्राइवेट इवेंट्स शुरू हो जाते हैं, जिनमें बजता है कान फाड़ देने वाला म्यूज़िक वह भी रात 10 बजे की सीमा को ठेंगा दिखाते हुए। महासचिव भारत हितैषी ने शिकायत में साफ कहा कि कई बार यह शोरगुल रातभर गूंजता रहता है और सुबह के शुरुआती घंटे तक भी रहवासियों को चैन से सोना मुश्किल कर देता है।

    सेक्टर 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 11 के लोग लगातार इस ध्वनि प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। बुजुर्ग, बीमार लोग, विद्यार्थी सभी गंभीर परेशानी झेल रहे हैं। लोगों का कहना है कि रात में कुछ मिनटों की शांति भी नसीब नहीं होती। यह स्थिति अब सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन गई है।

    फोरा प्रतिनिधिमंडल ने डीसीपी से मांग की कि होटल संचालकों को रात 10 बजे के बाद ध्वनि स्तर नियंत्रित करने के लिए कठोर निर्देश दिए जाएं। देर रात तक चलने वाले आयोजनों को तुरंत रोका जाए, ताकि लोगों की नींद और स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।

    प्रतिनिधियों ने रूफटाप पर खड़े किए गए अवैध ढांचों की भी जाँच की मांग रखी है। उनका कहना है कि ये निर्माण न केवल नगर नियमों का उल्लंघन हैं, बल्कि सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। किसी अप्रिय घटना की स्थिति में ये अस्थायी ढांचे बड़ा हादसा साबित हो सकते हैं।

    फोरा का कहना है कि प्रशासनिक हस्तक्षेप अब ज़रूरी ही नहीं, बल्कि तत्काल आवश्यक हो गया है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन इन अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लगाता, तो हजारों निवासियों का शांतिपूर्ण जीवन खत्म हो जाएगा।

    फोरा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अगर प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे मानव अधिकार आयोग का दरवाज़ा खटखटाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। निवासियों की उम्मीदें अब प्रशासन पर टिकी हैं कि वह रूफटाप पार्टियों की इस अनियंत्रित अराजकता पर काबू पाएगा और शांति बहाल करेगा।