पंचकूला में श्री रामलीला युवा मंच को दशहरा आयोजन के लिए नहीं मिली जगह, लोगों से हाथ जोड़कर क्यों मांगी माफी?
श्री रामलीला युवा मंच पंचकूला इस वर्ष दशहरा महोत्सव आयोजित नहीं कर पाने से दुखी है। प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण मंचन नहीं हो सका जिससे जनता में निराशा है। मंच ने 90 दिन पहले आवेदन किया था पर दशहरा ग्राउंड पहले से ही आवंटित था। मंच ने मुख्यमंत्री से पंचकूला में तीन स्थानों पर दशहरा आयोजित करने की अनुमति देने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। श्री रामलीला युवा मंच, सेक्टर-4 पंचकूला ने इस वर्ष दशहरा महोत्सव आयोजित न कर पाने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मंच के चीफ़ पैट्रन पंकज कपूर और प्रधान धर्मपाल शर्मा ने बताया कि परंपरागत श्री रामलीला मंचन के बाद होने वाले मुख्य आयोजन के लिए उन्हें प्रशासन से अनुमति नहीं मिल पाई।
मंच के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट परवीन गोयल और वाइस प्रेसिडेंट संजीव शर्मा ने कहा कि उन्होंने लगभग 90 दिन पहले सभी आवश्यक आवेदन और औपचारिकताएं पूरी कर दी थीं। दशहरा ग्राउंड की बुकिंग भी समय रहते करा दी गई थी, लेकिन इस वर्ष वह स्थान पहले से ही किसी अन्य संस्था के नाम आवंटित हो चुका था।
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि वे किसी संस्था या प्रशासन को दोषी नहीं ठहराते, लेकिन पंचकूला की जनता के लिए यह स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। रामलीला मंचन और दशहरा पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि पंचकूला की सांस्कृतिक पहचान हैं। दशहरा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है और इस परंपरा से जनता को वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
मंच ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और जिला प्रशासन से अपील की है कि इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जाए। पंचकूला की बढ़ती आबादी को देखते हुए शहर में दो की बजाय तीन स्थानों पर दशहरा आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए, ताकि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था बेहतर बनी रहे।
मंच के सभी सदस्यों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल भगवान श्रीराम की लीला के माध्यम से समाज को यह संदेश देना है कि रावण बुराई का प्रतीक था और उसका दहन कर हम सब बुराइयों से मुक्त होने की प्रेरणा लेते हैं। लेकिन इस बार दशहरा न होने से मानो रामलीला
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